गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) की वित्त समिति की 32वीं बैठक सोमवार, को अटल भवन स्थित बैठक कक्ष में संपन्न हुई। कुलपति प्रो. जे.पी. सैनी की अध्यक्षता में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में छात्रों और विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। वित्त नियंत्रक अशोक कुमार सिंह ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत किया, जिसमें कुलसचिव चंद्र प्रकाश प्रियदर्शी सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
छात्रों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय
- एम.टेक पाठ्यक्रम की फीस में कमी: समिति ने एम.टेक पाठ्यक्रम की फीस को लगभग 60% तक कम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस निर्णय से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी और वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
- पीएचडी फेलोशिप में वृद्धि: शोध को बढ़ावा देने और अच्छे विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए पीएचडी फेलोशिप को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। विश्वविद्यालय इस फेलोशिप का पूरा खर्च अपने स्रोतों से वहन करता है और आगे भी करेगा।
- चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) की शुल्क संरचना को मंजूरी: नए सत्र से शुरू हो रहे चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) की शुल्क संरचना को भी मंजूरी दे दी गई है। इस पाठ्यक्रम की फीस बीबीए पाठ्यक्रम के समान होगी।
- प्रथम सेमेस्टर (छात्रावासी): रु. 80,000 मात्र
- द्वितीय सेमेस्टर से (छात्रावासी): रु. 72,000 मात्र
- प्रथम सेमेस्टर (कैंपस के बाहर के छात्रों के लिए): रु. 82,500 मात्र
- द्वितीय सेमेस्टर से (कैंपस के बाहर के छात्रों के लिए): रु. 74,500 मात्र
बुनियादी ढांचे के विकास को मिली गति
विश्वविद्यालय ने शिक्षा और अनुसंधान को मजबूत करने के लिए 20 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से नई प्रयोगशालाओं की स्थापना और वर्तमान प्रयोगशालाओं के उन्नयन को भी मंजूरी दी है।
- कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग: ऑगमेंटेड रियलिटी एवं वर्चुअल रियलिटी लैब (रु. 180 लाख), स्पेशियल इन्फोटेक एंड डिजिटल ट्विन लैब (रु. 135 लाख), एडवांस्ड साइबर फॉरेंसिक्स एंड डिजिटल वेलनेस लैब (रु. 417 लाख), एवं इनोवेशन एंड एज लैब (रु. 94 लाख) सहित कुल रु. 8.26 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी।
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग: नई प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए रु. 5.91 करोड़ की मंजूरी।
- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग: सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन स्पेस टेक्नोलॉजी की स्थापना के लिए रु. 1.20 करोड़ की मंजूरी।
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग: एडवांस्ड माइक्रोग्रिड लैब (रु. 25 लाख) और सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन इलेक्ट्रिकल टेस्टिंग (रु. 52.83 लाख) की स्थापना के लिए कुल रु. 77.83 लाख की मंजूरी।
- अन्य विभागों में उन्नयन: इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग (रु. 51 लाख), भौतिकी विभाग (रु. 40 लाख), फार्मेसी विभाग (रु. 78 लाख), और मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग में मनोविज्ञान प्रयोगशाला (रु. 40 लाख) की प्रयोगशालाओं के उच्चीकरण को मंजूरी।
- सेंटर फॉर फूड एंड ड्रग टेक्नोलॉजी: फार्मेसी एवं केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में इस सेंटर की स्थापना के लिए रु. 1.15 करोड़ की स्वीकृति, जिसमें रु. 1 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा और शेष रु. 15 लाख विश्वविद्यालय मद से वहन किए जाएंगे।
- अन्य व्यय: परीक्षा नियंत्रक कार्यालय हेतु विभिन्न उपकरण क्रय के लिए रु. 20 लाख, काउंसलिंग पर होने वाले अनुमानित व्यय, और नव नियुक्त शिक्षकों को लैपटॉप, प्रिंटर एवं फर्नीचर उपलब्ध कराए जाने हेतु रु. 1.60 करोड़ की मंजूरी भी प्रदान की गई।
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वित्तीय लेखा-जोखा अवलोकन
वित्त समिति ने वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लेखा आदि का अवलोकन और अनुमोदन भी प्रदान किया। यह बैठक विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और अनुसंधान माहौल को बेहतर बनाने और छात्रों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वित्त समिति ने कुल 125 करोड़ रूपये के बजट की स्वीकृति दी। इसमें लगभग 21 करोड़ की धनराशि अनुसंधान एवं विकास तथा परामर्श हेतु लैब की स्थापना में किया जाएगा जोकि कुल बजट का लगभग 16.5 % है।
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