Gorakhpur: शनिवार की शाम माह-ए-रमजान का चांद नजर आने के साथ ही इस पवित्र महीने की शुरुआत हो गई। रविवार, 2 मार्च को पहला रोजा रखा गया, जिसके साथ ही तरावीह की नमाज का सिलसिला भी शुरू हो गया। इस पवित्र महीने में नमाज, कुरआन-ए-पाक की तिलावत, तस्बीह और दुआ का सिलसिला लगातार एक महीने तक जारी रहेगा। रमजान के आगाज को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया।
पहला रोजा और तरावीह की नमाज
शनिवार को चांद दिखने के बाद ही तरावीह की नमाज का आयोजन किया गया। पुरुषों ने मस्जिदों में जबकि महिलाओं ने घरों में तरावीह की नमाज अदा की। रमजान के पहले रोजे का समय सबसे छोटा होता है, जबकि अंतिम रोजा सबसे लंबा होगा। इस दौरान सहरी और इफ्तार की तैयारियों में लोग जुटे नजर आए। चांद दिखने के बाद बाजारों में सहरी और इफ्तार के सामान की खरीदारी ने रौनक बढ़ा दी।
सहरी और इफ्तार का समय
रमजान के दौरान सहरी और इफ्तार का समय निम्नलिखित है:
- पहला रोजा इफ्तार (2 मार्च 2025):
सुन्नी: 6:03 बजे
शिया: 6:15 बजे - दूसरा रोजा सहरी (3 मार्च 2025):
सुन्नी: 4:56 बजे
शिया: 4:59 बजे
नोट: सहरी और इफ्तार का समय क्षेत्रवार भिन्न हो सकता है।
रमजान हेल्पलाइन नंबर 9454674201 पर लें जानकारी
माह-ए-रमजान के दौरान लोगों की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। नंबर 9454674201 पर नमाज, रोजा, सदका, जकात, फित्रा, एतिकाफ, शबे कद्र सहित तमाम दीनी सवालों का जवाब मिलेगा। कारी मुहम्मद अनस रजवी ने बताया कि रोजेदार सुबह 10:00 से दोपहर 12:30 बजे तक, दोपहर 3:00 से शाम 5:30 बजे तक और रात 10:30 से 12:00 बजे तक कॉल कर सकते हैं। व्हाट्सएप के जरिए भी सवाल पूछे जा सकते हैं।
‘रोजा न रखना बड़ा गुनाह’
मुफ्ती मुहम्मद शोएब रजा निजामी ने बताया कि रमजान इस्लाम धर्म का सबसे पाक महीना है। इस महीने में रोजा रखना हर बालिग मुसलमान के लिए फर्ज है। रोजा न रखना बहुत बड़ा गुनाह माना जाता है। उन्होंने कहा कि यह महीना इबादत और तकवा (ईश्वर का भय) का है, और इसमें हर मुसलमान को अपने अमल (कर्म) को सुधारने का प्रयास करना चाहिए।