कुशीनगर में 50 एकड़ जमीन चिह्नित, कंसलटेंट एजेंसी का चयन शीघ्र
Lucknow: उत्तर प्रदेश के प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल कुशीनगर और श्रावस्ती को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए नेपाल के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल लुंबिनी को मॉडल के रूप में अपनाया जाएगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की पहल पर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। कुशीनगर में 50 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है, और कंसलटेंट एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को विशेष प्राथमिकता
केंद्र सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने और पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए देश के 50 प्रमुख स्थलों को चिन्हित किया है। इनमें भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। इसी क्रम में, केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने हाल ही में कुशीनगर का दौरा किया और विकास योजनाओं की समीक्षा की।
कुशीनगर से शुरुआत, 50 एकड़ जमीन चिह्नित
कुशीनगर को इस योजना के तहत प्राथमिकता दी गई है। यहां पर्यटन विभाग ने 50 एकड़ जमीन चिह्नित की है, जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का विकास किया जाएगा। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना के तहत प्रदेश के कम से कम पांच पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा। इनमें तीन बौद्ध तीर्थ स्थल और दो सनातन धर्म से जुड़े स्थल शामिल होंगे।
श्रावस्ती और संकिसा का भी विकास
कुशीनगर के अलावा, श्रावस्ती और संकिसा को भी इस योजना में शामिल किया गया है। इन स्थलों को लुंबिनी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। पर्यटन मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना के तहत पर्यटन स्थलों के विकास के लिए पर्याप्त जमीन की आवश्यकता होगी। इसके लिए जमीन चिह्नित करने और योजनाओं को अंतिम रूप देने का काम तेजी से चल रहा है।
महाकुंभ की सफलता से मिली प्रेरणा
उत्तर प्रदेश में हाल ही में आयोजित महाकुंभ के सफल आयोजन और 66 करोड़ से अधिक पर्यटकों के आगमन ने पर्यटन विभाग को नई योजनाओं पर काम करने की प्रेरणा दी है। इसके तहत प्रदेश के पांच प्रमुख पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
पर्यटन से रोजगार के अवसर
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाना है। केंद्र और राज्य सरकार का मानना है कि पर्यटन स्थलों के विकास से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।