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असली या फर्जी SMS? अब एक कोड से होगी पहचान, फ्रॉड से बचना हुआ आसान!

असली या फर्जी SMS? अब एक कोड से होगी पहचान, फ्रॉड से बचना हुआ आसान!
अब एक नया सिस्टम आपको बताएगा कौन सा मैसेज असली है और कौन सा फर्जी। TRAI ने SMS की पहचान के लिए 'S', 'G' और 'P' कोड जारी किए हैं। जानें कैसे ये कोड आपको साइबर फ्रॉड से बचा सकते हैं।

Here is how you can identify real or fake message: आजकल साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इन ठगी का सबसे आसान तरीका है फर्जी SMS भेजना। कई बार साइबर क्रिमिनल बैंक या सरकारी अधिकारी बनकर मैसेज भेजते हैं और लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं। ऐसे में असली और फर्जी मैसेज के बीच पहचान करना बहुत जरूरी है।

टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने इस समस्या को हल करने के लिए एक नया और प्रभावी सिस्टम लागू किया है। अब हर मैसेज के साथ एक खास कोड आएगा, जिससे आप तुरंत जान पाएंगे कि मैसेज बैंक, सरकारी विभाग या किसी प्रमोशनल कंपनी की ओर से है या किसी साइबर क्रिमिनल की ओर से। यह नया नियम आपको ऑनलाइन ठगी से बचाने में एक बड़ा कदम साबित होगा।

फर्जी मैसेज से होगा बचाव

आजकल ऑनलाइन ठगी के मामले बहुत बढ़ गए हैं। अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को फंसाते हैं। कई बार ये अपराधी फर्जी मैसेज भेजकर लोगों से बैंक अकाउंट की जानकारी मांगते हैं या उन्हें गलत लिंक पर क्लिक करने के लिए कहते हैं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो सकता है। सोशल मीडिया पर भी कई ऐसे वीडियो हैं जहां अपराधी बैंक ट्रांजैक्शन का फर्जी मैसेज भेजकर लोगों को गलत तरीके से पैसे वापस करने के लिए कहते हैं। TRAI का यह नया सिस्टम आने के बाद लोग आसानी से यह पता लगा पाएंगे कि कोई मैसेज बैंक या सरकार की तरफ से आया है या किसी साइबर अपराधी की चाल है।

कैसे होगी असली मैसेज की पहचान?

अब TRAI के नियम के मुताबिक, मैसेज भेजने वाले हर सेंडर की आईडी के आखिर में S, G और P जैसे कोड होंगे।

  • S कोड: अगर सेंडर की आईडी के आखिर में ‘S’ लिखा है, तो इसका मतलब है कि यह मैसेज बैंकिंग, ट्रांजेक्शन या टेलीकॉम सेवाओं से जुड़ा है।
  • G कोड: अगर आखिर में ‘G’ लिखा है, तो इसका मतलब है कि यह मैसेज किसी सरकारी योजना या अलर्ट से संबंधित है।
  • P कोड: अगर सेंडर की आईडी के आखिर में ‘P’ है, तो यह किसी प्रमोशनल मैसेज भेजने वाली कंपनी की पहचान है।

अगर किसी मैसेज की सेंडर आईडी में ये कोड नहीं हैं, तो आपको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो आपको फ्रॉड से बचा सकता है। इस जानकारी को अपने परिवार और दोस्तों के साथ भी शेयर करें ताकि वे भी सुरक्षित रह सकें।

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Go Gorakhpur की रिसर्च टीम गोरखपुर अंचल के इतिहास, भूगोल, साहित्य, कला-संस्कृति, समाज पर केंद्रित आलेख ढेर सारे दस्तावेजों के अध्ययन के आधार पर तैयार करती है. तथ्यों के संकलन के क्रम में हम शहर के जानकार लोगों से बातचीत भी करते हैं. ऐसे आलेखों के पीछे पूरी टीम का सहयोग होता है, लिहाजा साझा श्रेय 'रिसर्च डेस्क' के नाम है.

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