Gorakhpur: गोरखपुर के अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथी रेस्क्यू सेंटर का लोकार्पण किया. इस मौके पर उन्होंने पीलीभीत से लाए गए एक बाघ का नाम ‘केसरी’ और बहराइच से रेस्क्यू कर लाए गए भेड़ियों के जोड़े का नाम ‘भैरव’ और ‘भैरवी’ रखा. सीएम यहां करीब डेढ़ घंटे रहे.

इस रेस्क्यू सेंटर में फिलहाल ‘गंगा प्रसाद’ को रखा गया है, जिसे ग्रामीण विधायक विपिन सिंह ने दान किया है. यह सेंटर उन हाथियों की देखभाल और पुनर्वास के लिए समर्पित होगा जिन्हें विभिन्न परिस्थितियों से बचाया गया है.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रकृति और पशु-पक्षियों के साथ संतुलन बनाकर रहना होगा. उन्होंने पिछले 7-8 वर्षों में सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया, जिसमें 100 करोड़ पौधे लगाना, कैंपियरगंज में जटायु केंद्र बनाना और फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी की स्थापना शामिल है.
उन्होंने लोगों से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों से दूरी बनाने और प्रत्येक व्यक्ति को एक पेड़ लगाकर उसका संरक्षण करने का आह्वान किया. साथ ही, उन्होंने बरसात के पानी के संरक्षण के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया.
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 2021 में चिड़ियाघर के लोकार्पण के बाद से अब तक 30 लाख से अधिक लोग यहां आ चुके हैं. उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रकृति और पर्यावरण के लिए जितना अधिक काम होगा, उतना ही हम आगे बढ़ेंगे और हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा.
कार्यक्रम में इस वन-पर्यावरण राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, राज्यमंत्री केपी मलिक, सांसद रवि किशन, गोरखपुर के मेयर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव मौजूद रहे.