गोरखपुर में मकान बनवाने वालों के लिए ज़रूरी खबर, जीडीए ने बढ़ाईं नक्शा पास कराने की दरें

गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने मकान के मानचित्र पास कराने का शुल्क बढ़ा दिया है। जानें प्रति वर्ग मीटर कितना विकास शुल्क देना होगा और कब से लागू होंगी नई दरें।
गोरखपुर: शहर में अपना घर बनवाने का सपना देख रहे लोगों और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने अब मकान के मानचित्र (नक्शा) पास कराने की दरों में उल्लेखनीय वृद्धि कर दी है, जिससे शहर में नए निर्माणों की लागत पर सीधा असर पड़ेगा। नई दरों के अनुसार, अब मानचित्र स्वीकृति के लिए आवेदकों को प्रति वर्ग मीटर 1025 रुपये का विकास शुल्क चुकाना होगा। हालांकि, शहर के पुराने और पहले से विकसित क्षेत्रों में, जहां अधिकांश मूलभूत ढांचा पहले से मौजूद है, यह शुल्क काफी कम होगा; यहां सिर्फ 10 फीसदी यानी 102 रुपये प्रति वर्ग मीटर ही देना होगा, जो निवासियों को थोड़ी राहत देगा।
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जीडीए ने यह विकास शुल्क बढ़ोतरी चार साल के अंतराल के बाद की है। पिछली बार वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस शुल्क को 700 रुपये से बढ़ाकर 850 रुपये प्रति वर्ग मीटर किया गया था। इस बार की वृद्धि, जो प्रति वर्ग मीटर 175 रुपये की है, पिछले दिनों जीडीए बोर्ड की बैठक में लाए गए प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मंजूरी मिलने के बाद लागू की गई है। यह नई दरें वित्तीय वर्ष 2024-25 से प्रभावी हो गई हैं, जिसका अर्थ है कि अब से सभी नए मानचित्र स्वीकृतियों पर यह बढ़ा हुआ शुल्क लागू होगा। इस वृद्धि का मुख्य उद्देश्य शहर में लगातार बढ़ रही विकास परियोजनाओं, जैसे सड़कों के निर्माण, सीवरेज सिस्टम के उन्नयन और अन्य नागरिक सुविधाओं के विस्तार के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन जुटाना है। इस निर्णय से बिल्डरों और आम जनता दोनों को अपनी निर्माण योजनाओं के बजट में संशोधन करना पड़ सकता है।
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