गोरखपुर जीडीए का बकाएदारों पर शिकंजा: 15 दिन में बकाया जमा न करने पर आवंटन रद्द होगा। खोराबार, लेक व्यू, राप्तीनगर सहित कई योजनाओं के आवंटी निशाने पर।
गोरखपुर: गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने विभिन्न योजनाओं के बकाएदारों पर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। जीडीए के ओएसडी (विशेष कार्याधिकारी) प्रखर उत्तम की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि आवंटी 15 दिनों के भीतर अपना बकाया जमा नहीं करते हैं, तो उनका आवंटन रद्द कर दिया जाएगा।
इन योजनाओं के बकाएदारों की हुई समीक्षा
समीक्षा बैठक में प्राधिकरण की कई प्रमुख योजनाओं के बकाएदारों पर विचार-विमर्श किया गया। इनमें खोराबार आवासीय एवं मेडिसिटी योजना, लेक व्यू अपार्टमेंट, पत्रकारपुरम विस्तार, राप्तीनगर प्रथम, तृतीय व चतुर्थ चरण, ग्रीनवुड अपार्टमेंट, गोरक्ष इन्क्लेव, लोहिया इन्क्लेव फेज-प्रथम और रामगढ़ताल परियोजना के अंतर्गत स्थित कियोस्क आदि शामिल हैं।
समीक्षा के दौरान पाया गया कि खोराबार टाउनशिप व मेडिसिटी योजना के एलआईजी भूखंड के आवंटी प्रीती कुमारी, मनोज यादव, और एचआईजी श्रेणी के भूखंड के आवंटी अनिल कुमार, अलख निरंजन, रघुनाथ पाण्डेय पर काफी बकाया है। इसके अतिरिक्त, मेडिसिटी योजना के रचित हॉस्पिटल, विपिन विहारी और अमित कुमार, तथा पत्रकारपुरम विस्तार योजना के दुर्गावती तिवारी, पूर्णिमा यादव और करूणा कंचन पर भी बड़ी धनराशि बकाया है।
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लेक व्यू अपार्टमेंट योजना के आवंटी बजरंग पाण्डेय, राम बुझारत दूबे, राज गौरव सिंह और प्रीतिका पाण्डेय का भी काफी बकाया अवशेष पाया गया। राप्तीनगर प्रथम, तृतीय व चतुर्थ चरण, ग्रीन वुड अपार्टमेंट और खोराबार आवासीय योजना के फ्लैट के आवंटियों पर भी भारी बकाया सामने आया है।
15 दिन का अल्टीमेटम
सभी बकाएदारों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे 15 दिन के अंदर अपनी बकाया धनराशि जमा करा दें। जीडीए ने स्पष्ट किया है कि जिन बकाएदारों द्वारा इस अवधि में धनराशि जमा नहीं की जाएगी, उनका आवंटन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जाएगा।
समीक्षा बैठक में मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष कुमार कुशवाहा, सहायक संपत्ति अधिकारी सत्येन्द्र कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी और लिपिक उपस्थित रहे। यह कदम जीडीए के राजस्व को बढ़ाने और योजनाओं के कुशल संचालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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