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डॉ. अबीशो की बॉडी देखते ही प्रेग्नेंट पत्नी चीख पड़ीं, ‘आपने तो कहा था-घबराओ मत, कुछ नहीं होगा…’

प्रेग्नेंट पत्नी को आखिरी सेल्फी और मैसेज - "खाना खाने जा रहा हूं", गोरखपुर में डॉक्टर की मौत सवालों में उलझी
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर अबीशो डीजे की मौत। प्रेग्नेंट पत्नी निमिषा का दर्द, परिजनों का बयान, पुलिस जांच जारी। नींद की दवा के ओवरडोज की आशंका।

गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में 11 जुलाई को मृत पाए गए जूनियर डॉक्टर अबीशो डीजे (32) के परिजन केरल से गोरखपुर पहुंचे। परिजनों की मौजूदगी में डॉक्टर के शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसकी वीडियोग्राफी भी की गई। मौत का स्पष्ट कारण जानने के लिए विसरा सुरक्षित रख लिया गया है, जिसे फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टर अबीशो का शव परिजनों को सौंप दिया गया, जिसके बाद वे उसे लेकर केरल रवाना हो गए, जहाँ सोमवार को ईसाई रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया गया।

पत्नी का दर्द और परिवार का सदमा

डॉक्टर अबीशो की प्रेग्नेंट पत्नी निमिषा (स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ) पति की लाश देखते ही पेट पर हाथ रखकर चीख पड़ीं। पिता साल्वे राज से सिसकते हुए बोलीं, “आपने तो कहा था घबराओ मत, कुछ नहीं होगा। अब डेडबॉडी लेकर आए हैं।” पिता ने उन्हें समझाया, “बेटी खुद को संभालो। तुम्हारे पेट में अबीशो की आखिरी निशानी है, जिसे तुम्हें सेफ रखना है। शायद अबीशो भी तुमसे यही चाह रहा होगा।” यह सुनकर वहाँ मौजूद लोगों की आँखें भर आईं। निमिषा टकटकी लगाए पति की लाश निहारती रहीं, उनका एक हाथ पेट में पल रहे बच्चे पर भी था।

डॉ. अबीशो के ससुर साल्वे राज ने स्थानीय मीडिया को बताया कि बेटी की शादी के बाद उन्हें लगा था कि उनकी जिम्मेदारी खत्म हो गई। अब तो नाना बनने की बारी करीब थी और घर में बड़े जश्न की तैयारी चल रही थी। 19 जुलाई को अबीशो भी आने वाले थे। उनकी पत्नी निमिषा 8 महीने की गर्भवती हैं और अगले महीने उनकी ऑपरेशन से डिलीवरी होनी है। अबीशो ने इसके लिए मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से छुट्टी भी ले रखी थी, जो मंजूर हो गई थी।

मौत का रहस्य और पुलिस जांच

डॉक्टर अबीशो की लाश हॉस्टल के कमरा नंबर 25-G में बेड पर मिली थी। बगल में एक सिरिंज और वेक्यूरोनियम ब्रोमाइड दवा की शीशियां पड़ी थीं, जिससे शुरुआती जांच में दवा के ओवरडोज से मौत की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन किया है।

डॉ. अबीशो केरल के तिरुवनंतपुरम के रहने वाले थे और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया विभाग में जूनियर रेजिडेंट (जेआर-3) डॉक्टर थे। उनके दोस्तों ने बताया कि अबीशो पढ़ाई में सबसे तेज थे और कभी पारिवारिक बातें शेयर नहीं करते थे। गुरुवार रात 11 बजे उन्होंने दोस्तों के साथ खाना खाया और रात 2 बजे तक पढ़ाई की। दोस्तों के अनुसार, वह सामान्य दिख रहे थे और तनाव में होने का कोई जिक्र नहीं किया था।

पुलिस ने हॉस्टल में डॉक्टर को जानने वाले सभी लोगों के बयान दर्ज किए हैं। यह भी सामने आया है कि डॉ. अबीशो 2 दिन से लगातार घर पर ई-मेल कर रहे थे। इनमें क्या लिखा गया, यह जानने के लिए उनके लैपटॉप की फोरेंसिक जांच करवाई जा रही है। पुलिस उन मोबाइल नंबरों की भी डिटेल निकलवा रही है जिनसे गुरुवार देर रात डॉक्टर के मोबाइल पर कॉल आई थी। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विसरा जांच के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो पाएगा।

अंतिम संस्कार और परिजनों की वापसी

पोस्टमार्टम की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद डॉ. अबीशो के भाई अभिनव और ससुर साल्वे राज शव को लेकर केरल के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया कि वे फ्लाइट से दिल्ली और फिर लखनऊ पहुंचे, जिसके बाद टैक्सी से गोरखपुर आए थे। परिजनों ने बताया कि डॉ. अबीशो का अंतिम संस्कार केरल में ही होगा।

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गो गोरखपुर ब्यूरो

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