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शहर की ये 15 कॉलोनियां अब जीडीए के खाते से निकल नगर निगम में होंगी शामिल

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गोरखपुर: शहर की 15 प्रमुख कॉलोनियों को गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) से नगर निगम को हस्तांतरित करने की कवायद तेज हो गई है। जीडीए ने नगर निगम से इन कॉलोनियों के रख-रखाव और भविष्य के विकास कार्यों के लिए आवश्यक धनराशि का विस्तृत ब्योरा मांगा है। यह ब्योरा मिलने के बाद हस्तांतरण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। इन कॉलोनियों के निवासियों को लंबे समय से नगर निगम को सौंपे जाने का इंतजार है।

कौन सी कॉलोनियां होंगी हस्तांतरित?

जीडीए द्वारा विकसित 42 आवासीय योजनाओं में से 15 कॉलोनियां अभी तक नगर निगम को हस्तांतरित नहीं हुई हैं। इनमें प्रमुख रूप से वसुंधरा इन्क्लेव (प्रथम, द्वितीय, तृतीय), लोहिया इन्क्लेव, वैशाली, यशोधरा कुंज, अमरावती निकुंज, कॉरपोरेट योजना, बुद्ध विहार आवासीय योजना (पार्ट ए, बी, सी), आम्रपाली, सिद्धार्थपुरम, गौतम विहार, शास्त्रीनगर, जीडीए टावर और लेक-व्यू अपार्टमेंट शामिल हैं।

विकास कार्यों और बजट की समीक्षा

जीडीए के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह ने बताया कि प्राधिकरण ने 5 नवंबर 2024 और 5 फरवरी 2024 को नगर निगम को पत्र भेजकर हस्तांतरण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसके बाद, 22 नवंबर को निगम सभागार में हुई बैठक में इन सभी योजनाओं के विकास कार्यों की स्थिति की समीक्षा की गई।

नगर निगम के तत्कालीन मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बैठक में कुछ शेष कार्यों, जैसे साइड पटरी पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता बताई थी। इसके अतिरिक्त, जलकल विभाग ने वॉटर सप्लाई और पंप हाउस की मरम्मत के लिए 15.85 करोड़ रुपये की मांग की है। जलकल विभाग ने इसका विस्तृत अनुमान 13 मई को जीडीए को उपलब्ध करा दिया है, जिसका प्राधिकरण द्वारा परीक्षण किया जा रहा है।

इस प्रक्रिया के पूरा होने से इन कॉलोनियों के निवासियों को बेहतर नागरिक सुविधाएं और रख-रखाव मिलने की उम्मीद है, क्योंकि नगर निगम की सीधी देखरेख में विकास कार्य तेजी से हो सकेंगे।


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Priya Srivastava

Priya Srivastava

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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में परास्नातक. gogorakhpur.com के लिए हेल्थ, सिनेमा, टेक और फाइनेंस बीट पर रिसर्च करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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