गाजियाबाद

इजरायल-ईरान युद्ध में फंसा यूपी का MBBS छात्र, हॉस्टल पर गिरी बम, परिजनों ने पीएम मोदी से लगाई गुहार

इजरायल-ईरान युद्ध में फंसा यूपी का MBBS छात्र
यूपी के गाजियाबाद का लोनी निवासी एमबीबीएस छात्र रिजवान हैदर इजरायल-ईरान युद्ध में ईरान के तेहरान में फंसा। हॉस्टल पर बमबारी के बाद परिजनों ने PM मोदी से सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई।

गाजियाबाद: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध के कारण गाजियाबाद के लोनी का एक एमबीबीएस छात्र रिजवान हैदर ईरान के तेहरान में फँस गया है। रिजवान की जान को खतरा देख परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने बेटे को सुरक्षित भारत वापस लाने की गुहार लगाई है।

MBBS की पढ़ाई करने गया था तेहरान

लोनी के बहेटा हाजीपुर निवासी रिजवान हैदर कुछ समय पहले एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए ईरान की राजधानी तेहरान गया था। रिजवान के पिता मोहम्मद अली ने बताया कि उनका बेटा तेहरान में यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है और हॉस्टल में रहता है।

बमबारी के दौरान हॉस्टल ध्वस्त, बाल-बाल बचा रिजवान

रिजवान के पिता ने जानकारी देते हुए बताया कि इजरायल और ईरान की बमबारी के चलते विश्वविद्यालय के छात्रों को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट किया गया था। रिजवान ने फोन पर अपने भूखे होने की बात बताई थी, जिसके बाद परिजनों ने उसे किसी तरह बाहर जाकर कुछ खाने की सलाह दी।

रविवार (15 जून 2025) शाम करीब चार बजे जब रिजवान खाना खाने के लिए हॉस्टल से दूर एक होटल पर पहुँचा, उसी समय इजरायल की तरफ से बमबारी की गई। इस बमबारी में रिजवान के पुराने हॉस्टल पर बम गिरा, जिससे बिल्डिंग पूरी तरह ध्वस्त हो गई। बेटे से यह जानकारी सुनने के बाद पूरा परिवार उसकी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हो गया है। यह रिजवान की किस्मत ही थी कि वह उस समय हॉस्टल में नहीं था।

परिजनों ने PM मोदी से लगाई गुहार

रिजवान के पिता मोहम्मद अली ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने बेटे को ईरान से सकुशल वापस लाने की मार्मिक अपील की है। उन्होंने कहा कि उनके बच्चे खतरे में हैं और उन्हें सुरक्षित भारत लाया जाए। हालांकि, अब तक भारत सरकार की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। परिवार ने विदेश मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन से भी संपर्क साधा है।



Amit Srivastava

Amit Srivastava

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गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. Amit Srivastava अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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