बच्चे के 'अपार' नामांकन के लिए आपने सहमति दी? जान लें ये काम की बातें
साभार: https://apaar.education.gov.in

Gorakhpur: गोरखपुर शहर के स्कूलों में इन दिनों बच्चों के ‘अपार’ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. स्कूलों से अपार के लिए सहमति फॉर्म घर पहुंच रहे हैं. बहुत सारे अभिभावक ऐसे हैं, जो अपार के बारे में नहीं जानते. स्कूलों में पूछताछ करने पर भी कोई खास मदद नहीं मिल रही है. बस ये समझ में आ रहा कि सरकार की कोई ज़रूरी पहल है, जिसके तहत बच्चे का रजिस्ट्रेशन कराना है. आइए, इसके बारे में​ विस्तार से जानते हैं’—

APAAR यानी AUTOMATED PERMANENT ACADEMIC ACCOUNT REGISTRY का संक्षिप्त नाम. यह 12 अंकों का कोड एक डिजिटल मार्कशीट की तरह काम करता है, जो आपके बच्चे के स्कूल के दिनों से लेकर आगे की पढ़ाई और नौकरी तक उसके साथ रहेगा. अपार आपके बच्चे के सारे स्कूल रिकॉर्ड्स और उपलब्धियों को संभालकर रखता है. इस आईडी की मदद से स्कूल बदलना, कॉलेज में एडमिशन लेना और नौकरी के लिए अप्लाई करना आसान हो जाएगा. इसलिए, अपने बच्चे का APAAR में नाम लिखवाना मत भूलें. ये छोटा सा कदम आपके बच्चे की पढ़ाई और करियर में बहुत काम आएगा.

APAAR क्या है?
APAAR भारत में स्टूडेंट्स के लिए एक खास पहचान है. इसे ‘एक राष्ट्र, एक छात्र आईडी’ कार्यक्रम के तहत शुरू किया गया है. यह 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है. इसमें 12 अंकों का एक कोड होता है, जो स्टूडेंट के सारे अकेडमिक रिकॉर्ड रखता है जैसे उनके मार्क्स, सर्टिफिकेट वगैरह.

APAAR की ज़रूरत क्यों है?
यह शिक्षा में जवाबदेही और पारदर्शिता को सुनिश्चित करेगा. यह स्टूडेंट की उपलब्धियों को पहचान और मान्यता देता है. इसकी मदद से स्टूडेंट की शैक्षिक गतिविधियों में गतिशीलता आती है, साथ ही उसे भविष्य की राह चुनने में भी मदद मिलती है.

APAAR से किसे लाभ होता है?
इससे कॉलेज, यूनिवर्सिटी और स्टूडेंट्स दोनों को ही फायदा होता है. संस्थान छात्रों के अकादमिक इतिहास को सत्यापित कर सकते हैं. इससे प्रवेश और भर्ती में सहूलियत के साथ तेजी आती है. छात्र अपने अकादमिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से सुरक्षित रख पाते हैं.

APAAR ID कैसे प्राप्त करें?
स्कूल अपने छात्रों का विवरण सत्यापित करते हैं और अगर छात्र नागालिग है तो उसके माता-पिता की सहमति लेते हैं. स्कूल से छात्र की पहचान प्रमाणित होने के बाद, एक APAAR ID बनाई जाती है और उसे छात्र के डिजिलॉकर में जोड़ दिया जाता है.

APAAR ID कब बनाई जाती है?
छात्र के विवरण और माता-पिता की सहमति का सत्यापन होने के बाद देखा जाता है कि UDISE+ के अनुसार छात्र का नाम उनके आधार नाम से मेल खा रहा हो और उसके पास एक वैध PEN (स्थायी नामांकन संख्या) हो.

APAAR ID जनरेशन की स्थिति कहां जांची जा सकती है?
छात्र के डिजिलॉकर खाते में
UDISE+ पोर्टल के APAR मॉड्यूल में
स्कूल के अधिकारियों से पूछकर

कुछ और बातें:

विवरण बिलकुल सही हो: UDISE+ पोर्टल में छात्रों का विवरण सही होना बहुत ज़रूरी है. छात्रों, अभिभावकों और स्कूल के कर्मचारियों की यह ज़िम्मेदारी है कि डेटा बिलकुल सही हो.

उपलब्धियों का रिकॉर्ड: अपार पढ़ाई और हुनर में छात्र की उपलब्धियों का एक रिकॉर्ड रखता है, जिसका इस्तेमाल वे जिंदगी भर कुछ न कुछ सीखते रहने के लिए करते हैं.

ABC के साथ जुड़ा: APAAR, क्रेडिट जमा करने और ट्रांसफर करने के लिए अकादमिक बैंक ऑफ़ क्रेडिट्स (ABC) के साथ इंटीग्रेटेड है.

नाम समान हो: स्टूडेंट का नाम UDISE+ और आधार में सेम होना चाहिए, साथ में PEN भी जरूरी है, तभी जनरेशन होगा.

ये चीज़ें ज़रूरी हैं: UDISE+ PEN, नाम, जन्मतिथि, लिंग, मोबाइल नंबर, माता-पिता का नाम, और आधार नंबर.

गड़बड़ी होगी तो नहीं बनेगा: अगर सारे विवरण दुरुस्त नहीं होंगे तो अपार आईडी का जनरेशन फेल हो जाता है. ऐसे में डेटा को सही करके फिर से फॉर्म सबमिट करना होता है.

स्कूल की भूमिका: स्कूल छात्र के विवरण को वेरिफाई करते हैं, रिकॉर्ड अपडेट करते हैं, और अपार आईडी जनरेट में जरूरी भूमिका निभाते हैं.

आधिकारिक वेबसाइट: APAAR: https://apaar[dot]education[dot]gov[dot]in,
ABC: https://www[dot]abc[dot]gov[dot]in

हेल्पलाइन: 18008893511

अपार सहमति का फॉर्म यहां डाउनलोड करें (English)
अपार सहमति का फॉर्म यहां डाउनलोड करें (Hindi)

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One response to “बच्चे के ‘अपार’ नामांकन के लिए आपने सहमति दी? जान लें ये काम की बातें”

  1. Jagdish lal avatar
    Jagdish lal

    महत्वपूर्ण जानकारी। पाल्यों के कल्याण के लिए, उनके भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पहल।

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By प्रिया श्रीवास्तव

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में परास्नातक. गोगोरखपुर.कॉम के लिए हेल्थ, सिनेमा, टेक और फाइनेंस बीट पर रिसर्च करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.