प्रभात की मौत से गोरखपुर में आक्रोश और अफरातफरी
Gorakhpur: लखनऊ में मृत कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय (28) का शव गुरुवार सुबह गीडा क्षेत्र के उनके गांव देईपार लाया गया. शव के आगमन के साथ ही गांव में दुख और गुस्से का माहौल व्याप्त हो गया.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सुबह करीब 10 बजे गांव पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों और परिवार के लोगों ने उनका जमकर विरोध किया. उन्होंने प्रभात की मौत के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि प्रभात को लखनऊ बुलाया गया था और फिर मरने के लिए छोड़ दिया गया.
दोपहर बाद कालेसर मुक्तिधाम में प्रभात के अंतिम संस्कार के दौरान भी राय के खिलाफ हंगामा और नारेबाजी जारी रही, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और विरोध करने वाली भीड़ के बीच तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई. अंतिम संस्कार की कार्यवाही सुनिश्चित करने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए क्षेत्र में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया.
अजय राय ने आरोपों से इनकार किया
अजय राय ने प्रभात के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि पार्टी इस दुःख की घड़ी में उनके साथ है. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि भाजपा विरोध प्रदर्शन भड़का रही है और उन्हें अंतिम संस्कार में शामिल होने से रोकने की कोशिश कर रही है.
‘बेटे को अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया’
प्रभात के पिता दीपक पांडेय बेसुध थे और उन्होंने सवाल किया कि उनके बेटे, जो उस समय कांग्रेस में सक्रिय रूप से शामिल नहीं था, को लखनऊ क्यों बुलाया गया था. उन्होंने यह जानने की मांग की कि किसने उन्हें बुलाया था और जब वह दो घंटे तक बेहोश पाए गए तो उन्हें अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया.