Last Updated on December 22, 2023 9:27 PM by गो गोरखपुर ब्यूरो
Baleshwar yadav: मऊ जिले में 1942 में पैदा हुए बालेश्वर यादव, भोजपुरी के पहले सुपरस्टार हैं. भोजपुरी और अवधी में उनके लिखे और गाए हुए गीत इतने लोकप्रिय हुए कि बॉलीवुड भी उनकी कॉपी करता था. गोरखपुर शहर बालेश्वर की कर्मभूमि थी. यहीं पर उनकी कलम और सुरों ने भोजपुरी साहित्य को एक नया आयाम दिया. उनकी लिखी ये लाइनें कभी हर जुबां पर थीं.
दुश्मन मिले सवेरे लेकिन मतलबी यार ना मिले
मूरख मिले बलेसर, पर पढ़ा-लिखा गद्दार ना मिले.
बलेसर यानी बालेश्वर का लिखा गीत ”पान खा ला मुन्नी साढ़े तीन बजे मुन्नी, तीन बजे मुन्नी जरूर मिलना, साढ़े तीन बजे” इतना लोकप्रिय हुआ कि बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन पर भी यह फिल्माया गया. उस गीत के बोल थोड़े बदले, लेकिन आत्मा बलेसर के गीत वाली ही थी – ‘चली आना तू पान की दुकान पे साढ़े तीन बजे’. संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1994 में बालेश्वर यादव को यश भारती पुरस्कार से नवाजा गया.