फर्जी डिग्रियों के आधार पर कई शहरों में चल रहे थे डायग्नोस्टिक सेंटर
Gorakhpur: डॉक्टरों की फर्जी डिग्री बनाकर बेचने के आरोपी 25 हजार के इनामी अलाउद्दीन ने सोमवार को सिविल कोर्ट गोरखपुर में सरेंडर कर दिया. कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया. मामले में नामजद अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि एक आरोपी अरेस्ट स्टे की वजह से बाहर है.
यह मामला मई 2024 का है, जब गुलरिहा निवासी डॉ. राहुल नायक ने अपनी डिग्री के फर्जी इस्तेमाल की शिकायत करते हुए अलाउद्दीन और प्रयागराज के राम पांडेय के खिलाफ गुलरिहा थाने में केस दर्ज कराया था. पुलिस जांच में कई और नाम सामने आए और सितंबर में पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. इनके पास से 50 से ज़्यादा डॉक्टरों की फर्जी डिग्री मिली थीं.
यह गिरोह डॉक्टरों की फर्जी डिग्री बनाकर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में बेचता था. इन फर्जी डिग्रियों के आधार पर कई डायग्नोस्टिक सेंटर भी चल रहे थे. पुलिस ने कई शहरों में सीएमओ को पत्र लिखकर ऐसे डायग्नोस्टिक सेंटर बंद करा दिए हैं.
अलाउद्दीन पुलिस की पकड़ से बहुत दिनों से बाहर था. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा था. आखिरकार उसने सोमवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया.
अलाउद्दीन कुशीनगर के तमकुहीराज का रहने वाला है. वह अपने इलाके में ‘डॉक्टर बाबू’ के नाम से मशहूर था और लोगों के बीच पंचायत भी करता था. उसके खिलाफ केस दर्ज होने के बाद कुछ पुलिसकर्मियों के साथ उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं.
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि पुलिस अलाउद्दीन को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी और इस मामले में और जानकारी जुटाई जाएगी.