मां-बेटी हत्याकांड में नार्को टेस्ट की तैयारी, 4 संदिग्धों पर पुलिस का शिकंजा

गोरखपुर: चौरीचौरा स्थित शिवपुर चकदहा में हुई मां-बेटी की सनसनीखेज हत्या के मामले में पुलिस अब नार्को टेस्ट का सहारा लेने जा रही है। दो महीने बीत जाने के बाद भी हत्याकांड का पर्दाफाश न होने पर, पुलिस ने चार संदिग्धों का नार्को टेस्ट कराने के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा है। पुलिस को उम्मीद है कि इस प्रक्रिया से हत्याकांड का सच सामने आ जाएगा।
29 मार्च की देर रात पूनम (45) और उनकी 13 वर्षीय बेटी अनुष्का की गड़ासे से बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस दोहरे हत्याकांड ने इलाके में हड़कंप मचा दिया था, लेकिन पुलिस अभी तक हत्यारों तक नहीं पहुंच पाई है। चौरीचौरा पुलिस के अनुसार, इस मामले में 100 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है और करीब 50 संदिग्धों के सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) भी निकलवाए गए हैं। हालांकि, ठोस सबूत न मिलने के कारण पुलिस को उन्हें छोड़ना पड़ा।
पुलिस के लिए चुनौती बना चार्जशीट
पुलिस ने मृतका की बड़ी बेटी खुशबू की तहरीर पर गांव के ही संजय उर्फ शैलेंद्र, उसके पिता कोटेदार सरजू, भाई सुरेंद्र और दो अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। मुख्य आरोपी संजय उर्फ शैलेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। हालांकि, जांच में अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है, जिसके चलते पुलिस अन्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
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एसपी उत्तरी, जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया, “घटना की जांच पड़ताल चल रही है। कुछ संदिग्धों पर घटना में शामिल होने की आशंका है। उनका नार्को टेस्ट कराने के लिए पत्र लिखा गया है।”
पुलिस के मुताबिक, घटना वाली रात ही संजय को उसके घर से पकड़ा गया था। 29 जून को घटना को तीन महीने पूरे हो जाएंगे। ऐसे में, चार्जशीट दाखिल करना और एक महीने के भीतर साक्ष्य जुटाकर हत्याकांड का पर्दाफाश करना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
संजय खुद को बता रहा निर्दोष, परिवार मांग रहा CBI जांच
दो महीने से जेल में बंद संजय खुद को निर्दोष बता रहा है। उसके परिवार ने अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर सीबीआई जांच की भी मांग की है। संजय की पत्नी का कहना है कि उनके पति निर्दोष हैं और उन्हें बिना जमानत के ही पुलिस को छोड़ना पड़ेगा। इसी कारण उन्होंने अभी तक जमानत के लिए अर्जी कोर्ट में नहीं डाली है।
घटना के समय आरोपियों ने पूनम का एंड्रॉयड मोबाइल भी अपने साथ ले गए थे। पूनम की बड़ी बेटी खुशबू को आरोपियों ने दूसरे कमरे में बंद कर दिया था, लेकिन खुशबू ने अपने कमरे के दरवाजे के छेद से आरोपियों को देखा था। उसकी गवाही के आधार पर ही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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