डीडीयूजीयू: अब 10 से कम छात्रों वाले कोर्स नहीं चलेंगे, जानें छात्रों के लिए क्या है नया मौका

डीडीयूजीयू प्रवेश समिति ने 10 से कम छात्रों वाले पाठ्यक्रमों को स्थगित करने का निर्णय लिया। स्ववित्तपोषित कार्यक्रमों पर भी लिया फैसला। प्रभावित छात्रों को मिलेगा अन्य पाठ्यक्रमों में आवेदन का अवसर।
गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति ने आज शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनका सीधा असर छात्रों के प्रवेश प्रक्रिया और विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों पर पड़ेगा। समिति ने घोषणा की है कि ऐसे किसी भी पाठ्यक्रम का संचालन फिलहाल स्थगित रहेगा जिसमें 10 से कम अभ्यर्थी प्रवेश लेंगे। यह फैसला कुलाधिपति द्वारा जारी उस निर्देश के अनुपालन में लिया गया है, जिसमें न्यूनतम 10 छात्रों की संख्या वाले पाठ्यक्रमों के संचालन का आदेश दिया गया था।
कम प्रवेश संख्या वाले पाठ्यक्रमों के आवेदकों को नया मौका
प्रवेश समिति ने उन अभ्यर्थियों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया है, जिन्होंने स्थगित किए जाने वाले पाठ्यक्रमों में आवेदन किया था। निर्णय लिया गया है कि इन आवेदकों को ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन करने का एक और अवसर दिया जाएगा, जिनमें सीटें रिक्त हों और अभ्यर्थी उन पाठ्यक्रमों के लिए निर्धारित अर्हताएँ पूरी करता हो। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने का अवसर मिले, भले ही उनके चुने हुए प्रारंभिक पाठ्यक्रम में पर्याप्त संख्या में प्रवेश न हुए हों।
स्ववित्तपोषित कार्यक्रमों पर भी समिति का निर्णय
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, प्रवेश समिति ने ऐसे स्ववित्तपोषित (Self-Financed) कार्यक्रमों को भी स्थगित करने का फैसला किया है, जिनमें 50 प्रतिशत से कम सीटों पर प्रवेश हुए हों। समिति की अध्यक्षता कर रही कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में शासन द्वारा पूर्व में जारी निर्देशों और पाठ्यक्रम संचालन की व्यवहार्यता (feasibility) का पूरी तरह से अनुपालन किया जाएगा। कतिपय विभागों द्वारा अपने स्ववित्तपोषित कार्यक्रमों की सीटों में वृद्धि या कमी के प्रस्तावों पर विचार करते हुए, समिति ने यह भी निर्णय लिया कि ऐसे प्रस्तावों का परीक्षण कराने के बाद ही उन्हें स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
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लैटरल एंट्री और विज्ञान संकाय के नए अनुमोदन
समिति ने बी.टेक (B.Tech) तथा बी.फार्म (B.Pharm) पाठ्यक्रमों में लैटरल एंट्री (Lateral Entry) हेतु प्राप्त आवेदनों पर मेरिट के आधार पर प्रवेश लेने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, विज्ञान संकाय के अंतर्गत स्ववित्तपोषित योजना के तहत वनस्पति विज्ञान (Botany), प्राणीविज्ञान (Zoology) तथा मनोविज्ञान (Psychology) के संयोजन में 60 सीटों पर प्रवेश हेतु अपना अनुमोदन प्रदान किया है।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा, “माननीया कुलाधिपति के निर्देशों के अनुरूप दस से कम प्रवेश संख्या वाले पाठ्यक्रम का संचालन स्थगित रहेगा। इन पाठ्यक्रमों के आवेदकों को किसी अन्य पाठ्यक्रम में आवेदन का मौका दिया जाएगा। स्ववित्तपोषित कार्यक्रमों की व्यवहार्यता परीक्षण के बाद ही उन्हें संचालित किया जाएगा।” इन निर्णयों का उद्देश्य विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गुणवत्ता और संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है।
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