गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय वार्षिक एथलेटिक मीट 2025-26 का भव्य शुभारंभ हो गया है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने इस खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने खेलों के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि जीवन में विकास और मनुष्यता के निर्माण के लिए किसी न किसी खेल से जुड़ना अत्यंत आवश्यक है। यह आयोजन विश्वविद्यालय में खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा।
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शिक्षण संस्थाएं होती हैं खिलाड़ियों की नर्सरी
कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने आगे कहा कि शिक्षण संस्थाएं ही वास्तव में खिलाड़ियों के पालन-पोषण की नर्सरी होती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यहीं से छात्रों की प्रतिभा निखरकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाती है। ऐसे में, शिक्षण संस्थानों का यह परम दायित्व है कि वे खिलाड़ियों को निरंतर अवसर प्रदान करते रहें ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें।

हार-जीत से अधिक उत्कृष्टता का प्रदर्शन है ज़रूरी
क्रीडा परिषद के अध्यक्ष प्रो. विमलेश कुमार मिश्र ने अतिथियों का स्वागत करते हुए खेलों के एक महत्वपूर्ण पहलू को उजागर किया। उन्होंने कहा कि खेल प्रतियोगिताओं में सिर्फ़ हार-जीत की भावना महत्वपूर्ण नहीं होती, बल्कि उत्कृष्टता के प्रदर्शन की ललक सबसे अधिक आवश्यक होती है। उनके अनुसार, यह ललक ही आपसी भाईचारे की भावना, परस्पर प्रेम और सामंजस्य को समृद्ध करती है, जो एक सुदृढ़ राष्ट्र-निर्माण के लिए आवश्यक सद्भाव हैं।
32 टीमों ने किया मार्च पास्ट, 391 खिलाड़ी ले रहे भाग
आयोजन सचिव प्रो. राजवीर सिंह ने एथलेटिक मीट से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष की प्रतियोगिता में कुल 32 टीमों ने मार्च पास्ट किया, जिसमें 225 पुरुष और 166 महिला खिलाड़ी यानी कुल 391 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी प्रतिभागियों के लिए बेहतर खान-पान एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएँ की गई हैं। उद्घाटन समारोह में पीएससी बैंड के स्थान पर इस बार सरस्वती शिशु मंदिर, पक्की बाग के विद्यार्थियों ने घोष प्रदर्शन किया, जिसकी सलामी मुख्य अतिथि प्रो. पूनम टंडन ने ली।
पूर्वोत्तर रेलवे के 35 ऑफिसियल्स निभा रहे निर्णायक की भूमिका
एथलेटिक मीट की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। प्रतियोगिता में पूर्वोत्तर रेलवे और क्षेत्रीय क्रीड़ांगन गोरखपुर के अनुभवी 35 ऑफिसियल्स निर्णायक की भूमिका निभा रहे हैं, जिसका संयोजन मोहम्मद अख्तर कर रहे हैं। इस आयोजन का संचालन प्रोफेसर विजय चहल ने किया। वहीं, उद्घोषक के दायित्व का निर्वहन प्रोफेसर सुषमा पांडेय कर रही हैं, जो 20 वर्षों से अधिक अनुभव रखने वाली और 3 दिन तक लगातार उद्घोषणा करने वाली अकेली महिला शिक्षिका हैं।


