Gorakhpur: भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया “भाई” तथा दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से 29 दिसंबर को संवाद भवन में एक अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. संगोष्ठी का उद्घाटन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन करेंगी.
कार्यक्रम के समापन पर एक सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा. शाम 6:30 बजे आयोजित इस कार्यक्रम में भोजपुरी भाषा के लिए समर्पित साहित्यकारों, लेखकों, समीक्षकों और गीतकारों को “माटी के लाल” सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा, भोजपुरी भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाली मॉरीशस की भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की पूर्व अध्यक्ष डॉ. सरिता बुद्धू को लोक गायिका मैनावती देवी लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
यह जानकारी कार्यक्रम संयोजक डॉ. राकेश श्रीवास्तव और प्रो. अजय शुक्ला ने दी. उन्होंने बताया कि हर साल “भाई” द्वारा गायन के क्षेत्र में पारंपरिक भोजपुरी गायन की उत्कृष्ट प्रस्तुति देने वाले नए कलाकारों को सम्मानित किया जाता था. इस बार “माटी के लाल” सम्मान उन साहित्यकारों और गीतकारों को दिया जाएगा जिन्होंने भोजपुरी भाषा और साहित्य की लगातार सेवा की है.
सम्मानित होने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में प्रो. ब्रजभूषण मिश्र, प्रो. जयकांत सिंह जय (मुजफ्फरपुर), डॉ. गोपाल ठाकुर (नेपाल), मनोज भावुक, केशव मोहन पांडेय (दिल्ली), प्रो. राम नारायण त्रिपाठी (गाजीपुर), यशिंद्र प्रसाद (पटना), कनक किशोर (रांची), संगीत सुभाष (गोपालगंज) और सुभाष यादव (गोरखपुर) के नाम शामिल हैं.
यह सम्मान सांसद और भोजपुरी के सुपरस्टार अभिनेता रवि किशन के द्वारा प्रदान किया जाएगा. कार्यक्रम के अंत में जाने-माने नाट्य निर्देशक मानवेंद्र त्रिपाठी के निर्देशन में भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर की अमर कृति “बिदेसिया” का मंचन होगा.