गोरखपुर: शाहपुर थाना क्षेत्र के असुरन निवासी दीपक कुमार सिंह से रेलवे में ठेका दिलाने के नाम पर 42.83 लाख रुपये की बड़ी ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत पर एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने पश्चिम बंगाल के चितरंजन में तैनात एक रेलवे अधिकारी, उसके पिता और एक अन्य सहयोगी के खिलाफ धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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बंगाल में तैनात अधीक्षक उपमुख्य और परिजनों पर जालसाजी का आरोप
मुख्य आरोपी अरुण कुमार सिंह पश्चिम बंगाल के चितरंजन में रेलवे में ‘अधीक्षक उपमुख्य’ के पद पर तैनात है। ठगी की योजना जौनपुर के हबुसही गांव में रची गई थी, जहां आरोपी और उसके पिता तेज बहादुर सिंह ने पीड़ित को अपने पद और रसूख का झांसा देकर रेलवे में बड़े काम दिलाने का लालच दिया था।
फरवरी से अप्रैल 2025 के बीच किस्तों में हड़पे 42.83 लाख रुपये
पीड़ित दीपक ने आरोपियों के बहकावे में आकर फरवरी से अप्रैल 2025 के बीच कई बार में कुल 42.83 लाख रुपये उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए। शुरुआत में 15 लाख रुपये लेने के बाद आरोपियों ने ‘फंड कम होने’ का बहाना बनाकर और रकम ऐंठी थी। आरोपियों ने शक दूर करने के लिए कुछ समय तक पीड़ित को ब्याज भी दिया था।
एसएसपी के आदेश पर शाहपुर पुलिस ने शुरू की कानूनी कार्रवाई
काफी समय बीतने के बाद जब न ठेका मिला और न ही रकम वापस हुई, तो पीड़ित ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) से न्याय की गुहार लगाई। एसएसपी के निर्देश पर शाहपुर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस अब रेल अधिकारी और उसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए साक्ष्य जुटा रही है।


