गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद अंतर्गत कैंपियरगंज तहसील क्षेत्र में राप्ती नदी के किनारे चल रहे अवैध मिट्टी खनन के काले कारोबार पर प्रशासन ने शनिवार को बड़ा प्रहार किया है। खनन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने जसवल-तुर्कवलिया क्षेत्र में छापेमारी कर अवैध खनन में लिप्त 12 डंपर और 2 पोकलेन मशीनों को सीज कर दिया है। यह कार्रवाई शुक्रवार को हुए एक सड़क हादसे और उसके बाद ग्रामीणों द्वारा किए गए भारी विरोध प्रदर्शन के बाद अमल में लाई गई है।
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शुक्रवार शाम को जसवल में खनन कार्य में लगे एक तेज रफ्तार डंपर ने एक युवक को टक्कर मार दी थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने जसवल चौराहे पर चक्का जाम कर घंटों प्रदर्शन किया। जनआक्रोश को देखते हुए शनिवार सुबह पीपीगंज पुलिस सक्रिय हुई और बिना नंबर प्लेट वाले 5 डंपरों को हिरासत में लिया। इसके बाद जिला खनन अधिकारी अमित सिंह ने मौके पर पहुंचकर जांच की और घटनास्थल से कुल 14 भारी वाहनों को जब्त कर लिया।
अवैध खनन का यह खेल न केवल नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी विनाशकारी साबित हो रहा है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, क्षेत्र में करीब 100 डंपर दिन-रात बिना नंबर प्लेट के संचालित हो रहे हैं। इस अंधाधुंध खनन के कारण राप्ती नदी हर साल अपनी धारा बदल रही है, जिससे किनारे के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा, साही, नेवला और सियार जैसे वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास नष्ट होने से स्थानीय जैव विविधता (Biodiversity) को अपूरणीय क्षति पहुँच रही है।
कैंपियरगंज के साथ-साथ प्रशासन ने खजनी थाना क्षेत्र के केवटली गांव में भी अवैध खनन के खिलाफ मोर्चा खोला। एसडीएम राजेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में एक जेसीबी मशीन को सीज किया गया है। जांच के दौरान मौके पर खनन से संबंधित कोई भी वैध दस्तावेज नहीं पाए गए। जिला खनन निरीक्षक ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि शासन के निर्देशों का उल्लंघन कर अवैध खनन करने वालों के खिलाफ आगे भी इसी तरह की कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।


