गोरखपुर: कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री और इसके नशे के तौर पर इस्तेमाल पर नकेल कसने के लिए औषधि विभाग (ड्रग विभाग) ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित कुशल फार्मा पर छापा मारा, जहां से पिछले एक साल में लगभग 41 हजार शीशी कोडीनयुक्त कफ सिरप की बिक्री का रिकॉर्ड मिला है। अब विभाग ने इस बिक्री रिकॉर्ड के आधार पर पूर्वांचल के सात जिलों के उन सभी मेडिकल स्टोरों की जांच शुरू कर दी है, जहां ये सिरप भेजी गई थीं।
कुशल फार्मा ने उपलब्ध कराया पूरा लेखा-जोखा
सहायक आयुक्त औषधि पूरन चंद ने इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि प्रारंभिक जांच में कुशल फार्मा ने खरीद-बिक्री का पूरा लेखा-जोखा उपलब्ध करा दिया है। इस रिकॉर्ड में उन सभी मेडिकल स्टोरों के नाम शामिल हैं, जिन्हें बीते एक वर्ष में ये कोडीन सिरप भेजी गई थीं। कोडीनयुक्त कफ सिरप को नशे के रूप में इस्तेमाल किए जाने के कारण कड़ी निगरानी सूची में रखा गया है और इसकी बिक्री का हिसाब रखना सभी दुकानदारों के लिए अनिवार्य है।
गोरखपुर-बस्ती मंडल के 7 जिलों में भेजी गई थी सिरप
कोडीन सिरप की अवैध बिक्री के इस तार गोरखपुर-बस्ती मंडल के सभी सात जनपदों तक फैले हुए हैं। कुशल फार्मा से गोरखपुर के अलावा देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर में कफ सिरप की शीशियां भेजी गई हैं। गोरखपुर फार्मा छापा पड़ने के बाद अब इन सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को मेडिकल स्टोरों की सूची भेज दी गई है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के संबंधित मेडिकल स्टोरों से जल्द से जल्द बिक्री का रिकॉर्ड लेकर विभाग को उपलब्ध कराएं।
अनियमितता मिलने पर लाइसेंस होगा निरस्त, दर्ज होगा मुकदमा
ड्रग विभाग ने इस मामले में बेहद सख्त रुख अपनाया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान यदि कहीं भी बिक्री में अनियमितता पाई गई, तो संबंधित मेडिकल स्टोर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जाएगा और साथ ही, कानूनी कार्रवाई करते हुए मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। कफ सिरप का काला कारोबार करने वालों को चेतावनी दी गई है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गोरखपुर शहर में भालोटिया मार्केट की चार दुकानों पर भी बड़ी मात्रा में ये सिरप भेजे गए हैं, जो अब विभाग के रडार पर हैं।


