गोरखपुर। शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने और हरित परिवहन की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए गोरखपुर नगर निगम अब इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशनों का एक व्यापक नेटवर्क विकसित करने जा रहा है। इस योजना के तहत शहर में लगभग 20 प्रमुख स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। नगर निगम ने इस परियोजना के लिए टाटा और निटकाॅन (Nitcon) कंपनियों को भूमि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, जिन्होंने इसके लिए आवेदन किया था। नगर निगम सदन से इस प्रस्ताव को स्वीकृति भी मिल चुकी है।
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प्रति यूनिट बिजली पर निगम को मिलेगा ₹1 का भुगतान
ईवी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के बदले दोनों कंपनियाँ नगर निगम को प्रति यूनिट बिजली के हिसाब से एक रुपये का भुगतान करेंगी। शहर में ई-रिक्शा, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है। चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना से इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को बड़ी सुविधा मिलेगी और ईवी अपनाने को प्रोत्साहन मिलेगा।
इन तीन प्रमुख मार्गों पर होगी स्थापना
नगर निगम ने इन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए तीन प्रमुख मार्गों को चिन्हित किया है। ये मार्ग हैं:
- नौसड़ से एयरपोर्ट मार्ग
- मोहद्दीपुर से महेसरा मार्ग
- असुरन से गुलरिहा रोड
इन व्यस्ततम मार्गों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने से ई-वाहनों के चालकों को लंबी दूरी तय करने में सुविधा होगी और ‘रेंज एंग्जायटी’ की समस्या कम होगी।
केंद्र सरकार की पीएम ई-ड्राइव योजना का हिस्सा
गोरखपुर में प्रस्तावित यह परियोजना केंद्र सरकार की पीएम ई-ड्राइव योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस योजना के तहत देश भर में 2,000 करोड़ रुपये की लागत से 72,000 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह ने बताया कि नगर निगम का मुख्य उद्देश्य शहर को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। इसलिए ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जो शहर के प्रदूषण को कम करने में सहायक होगा।


