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धर्मांतरण का ‘चंगाई’ रैकेट: गोरखपुर में 100 गरीब हिंदुओं को ईसाई बनाने की कोशिश, 2 गिरफ्तार

सहजनवां थाना गोरखपुर

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर धर्मांतरण मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जिले के सहजनवा थाना क्षेत्र के भगौरा गाँव में, ‘चंगाई प्रार्थना’ सभा के नाम पर गरीब हिंदू ग्रामीणों, खासकर महिलाओं को, कथित तौर पर लालच देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के प्रयास में दो महिलाओं— लक्ष्मी यादव और उसकी सहयोगी रोशनी को गिरफ्तार किया गया है। रविवार को यह घटना लक्ष्मी यादव के घर पर हुई, जहाँ लगभग 100 ग्रामीण एकत्रित हुए थे। आरोपियों पर बीमारियों के इलाज, नौकरी और पैसे का प्रलोभन देने का आरोप है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद यह मामला प्रकाश में आया, जिसके बाद पुलिस ने ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम’ के तहत मुकदमा दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू कर दी है।

चंगाई प्रार्थना की आड़ में धर्म परिवर्तन का षड्यंत्र

भगौरा गाँव में आरोपी लक्ष्मी यादव अपने निवास पर नियमित रूप से ‘चंगाई प्रार्थना’ सभा का आयोजन करती थी। रविवार को हुई इस विशेष सभा में लगभग 100 गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण, जिनमें अधिकतर महिलाएँ थीं, शामिल हुए थे। VHP के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि सभा का मुख्य उद्देश्य इलाज और दवा के बहाने आए ग्रामीणों का ब्रेनवॉश करना और उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए उकसाना था।

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पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी लक्ष्मी यादव, जो एक ब्यूटी पार्लर भी चलाती है, ने बताया कि उसने ईसाई धर्म और प्रार्थना सभाओं के बारे में जानकारी इंटरनेट और यूट्यूब वीडियो से सीखी। वह स्वयं को पादरी बताते हुए लोगों को यह विश्वास दिलाती थी कि ‘मसीही किताबें पढ़ने’ और ‘बाइबिल पढ़ने’ से उनकी सभी बीमारियाँ और समस्याएँ खत्म हो जाएंगी।

आरोपी महिलाओं की कार्यप्रणाली और प्रलोभन

मुख्य आरोपी लक्ष्मी यादव और उसकी सहयोगी रोशनी, जो कथित तौर पर बहनें हैं, गरीब परिवारों को निशाना बनाने के लिए एक सुनियोजित रणनीति का उपयोग कर रही थीं। आरोपियों पर बीमारियों को ठीक करने का चमत्कारिक दावा करने का आरोप है। वे बीमार लोगों के सिर पर एक रुमाल रखकर उन्हें स्वस्थ करने का दावा करती थीं। ग्रामीणों को नौकरी और पैसे का लालच दिया जाता था, जिससे कमजोर वर्ग के लोग आसानी से उनके जाल में फंस जाते थे। लक्ष्मी यादव ने पुलिस को बताया कि लगभग पाँच साल पहले पथरी की बीमारी से राहत न मिलने पर किसी के कहने पर उसने प्रार्थना शुरू की और ठीक होने का दावा किया, जिसके बाद उसने खुद ही यह ‘चंगाई’ सभाएँ शुरू कर दीं।

विश्व हिंदू परिषद का हस्तक्षेप और कानूनी कार्रवाई

VHP के पदाधिकारियों को गाँव के कुछ लोगों से धर्मांतरण की गतिविधियों की शिकायत मिली थी। शिकायत के बाद, संत कबीर नगर के जिला उपाध्यक्ष सौरभ जायसवाल, सतेन्द्र विश्वकर्मा और विवेक मिश्र समेत अन्य VHP कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुँचे और सभा का विरोध किया।

पुलिस केस और गिरफ्तारी

VHP कार्यकर्ताओं के विरोध के दौरान सभा में मौजूद कुछ लोगों ने कथित तौर पर उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की। इसके बाद, VHP सदस्यों ने PRV पुलिस और सहजनवा थाने को सूचित किया। पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुँची और लक्ष्मी यादव व रोशनी सहित चार लोगों को हिरासत में लिया। बाद में, लक्ष्मी यादव और रोशनी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। सौरभ जायसवाल की तहरीर पर सहजनवा थाने में लक्ष्मी यादव और पाँच अज्ञात लोगों के खिलाफ ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम’ के तहत FIR (प्राथमिकी) दर्ज की गई है। सहजनवा एसओ महेश चौबे और एसपी नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव ने कार्रवाई की पुष्टि की है।

बरामद सामग्री को देखते हुए बढ़ जांच का दायरा

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक बड़े नेटवर्क की संलिप्तता की आशंका पर जाँच का दायरा बढ़ा दिया है। घटनास्थल से कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई हैं, जिनमें शामिल हैं: बाइबिल, एक शुभ समाचार पुस्तिका, एक मसीही गीत पुस्तक। एक पुरानी डायरी/किताब जिस पर हिंदी और अंग्रेजी में “तंत्र” लिखे थे। बीमारियों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक रुमाल और दो मोबाइल फोन।

लक्ष्मी यादव के मोबाइल फोन से धर्मांतरण से जुड़े कई संपर्क नंबर और वीडियो मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। स्थानीय पुलिस के साथ-साथ खुफिया विभाग भी इस मामले की समानांतर जाँच कर रहा है ताकि किसी संगठित अंतर्राष्ट्रीय या अंतर-जिला धर्मांतरण रैकेट का पता लगाया जा सके, जिसका नेटवर्क गोरखपुर के अलावा अन्य जिलों में भी फैला हो सकता है।

उसी रविवार को गोरखपुर के बहलगंज क्षेत्र में एक चर्च में भी विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था, जहाँ बड़ी संख्या में हिंदू परिवार शामिल हुए थे। हिंदू संगठनों के विरोध के बाद बहलगंज थाना भी इस मामले की जाँच कर रहा है। इससे पहले सितंबर 2022 में भी पिपराइच के महुअंवा खुर्द गांव में प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।


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गो गोरखपुर ब्यूरो

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