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बुलंदशहर में पूर्व ब्लॉक प्रमुख की गला रेतकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस की 5 टीमें

अपराध समाचार
बुलंदशहर में पूर्व भाजपा ब्लॉक प्रमुख विनोद चौधरी की गला रेतकर हत्या कर दी गई है। उनका शव घर में खून से लथपथ मिला। वह हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे और पैरोल पर बाहर थे। जानें क्या है पूरा मामला और क्यों परिवार ने प्रॉपर्टी विवाद को बताया हत्या की वजह।

बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पूर्व भाजपा ब्लॉक प्रमुख विनोद चौधरी (49) की बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी गई है। उनका खून से लथपथ शव जाहिदपुर कला गांव स्थित उनके घर में बेड पर मिला। विनोद चौधरी हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे और फिलहाल पैरोल पर बाहर थे। वारदात के समय वह घर में अकेले थे।

सुबह पता चली वारदात की जानकारी

विनोद चौधरी घर में अकेले ही रहते थे, जबकि उनकी पत्नी और बच्चे दिल्ली में रहते हैं। रविवार सुबह जब वह देर तक नहीं उठे तो पड़ोसी ने खिड़की से झांककर देखा। अंदर का मंजर देखकर उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही एसएसपी दिनेश सिंह फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घर को सील कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को मौके से हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू भी बरामद हुआ है।

घर में था पिटबुल डॉग, जान-पहचान के व्यक्ति पर शक

पुलिस के अनुसार, विनोद चौधरी के घर में एक पिटबुल डॉग था, जो वारदात के समय खुला घूम रहा था। यह कुत्ता पुलिस के आने पर भी शांत था, जिससे पुलिस को शक है कि हत्या को किसी जान-पहचान वाले ने ही अंजाम दिया है। विनोद के छोटे भाई सुधीर ने पुलिस को बताया कि 4-5 महीने पहले प्रॉपर्टी विवाद को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसमें लाखों का लेन-देन शामिल था। इस दौरान एक पक्ष ने विनोद को धमकी भी दी थी। विनोद ने दो महीने पहले जान का खतरा बताते हुए पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। सुधीर के मुताबिक, वारदात के वक्त घर पर विनोद अकेले थे, क्योंकि उनका नौकर अंकित दो दिन पहले छुट्टी पर गया था।

हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे विनोद

विनोद चौधरी के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे। 2007 में हत्या के एक मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। मामला 1 नवंबर 2006 को हुई बबलू की हत्या से जुड़ा था। इस मामले के चश्मदीद गवाह कर्मवीर की 10 अगस्त 2007 को कचहरी जाते समय हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने कर्मवीर की हत्या की साजिश में विनोद चौधरी समेत 10 लोगों को दोषी ठहराया था। अदालत ने 2022 में इन सभी को उम्रकैद और 10-10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। परिजनों के मुताबिक, विनोद करीब एक साल पहले हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर आए थे।

राजनीतिक जीवन और भाजपा से संबंध

विनोद चौधरी का परिवार राजनीति से जुड़ा रहा है। साल 2000 में उनकी पत्नी जेवर ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख चुनी गई थीं। 2007 में विनोद खुद खुर्जा से जिला पंचायत सदस्य बने और 2020-21 में भाजपा समर्थित खुर्जा ब्लॉक प्रमुख भी रह चुके थे। 16 फरवरी 2025 को उन्हें भाजपा की जिला स्तरीय सदस्यता भी दिलाई गई थी, लेकिन हत्या के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद भाजपा ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी।

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Siddhartha Srivastava

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Siddhartha Srivastava का आज, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण जैसे हिंदी अखबारों में 18 साल तक सांस्थानिक पत्रकारिता का अनुभव है. वर्तमान में स्वतंत्र पत्रकारिता. email:- siddhartha@gogorakhpur.com | 9871159904.

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