नेशनल

भारत की अगली जनगणना 2027 में! गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना, जातिवार गणना भी होगी शामिल

भारत की अगली जनगणना 2027 में! गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना, जातिवार गणना भी होगी शामिल
केंद्र सरकार ने जनगणना 2027 की आधिकारिक अधिसूचना जारी की। 1 मार्च 2027 को होगी जनगणना, जातिवार गणना भी शामिल। यह भारत की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना होगी।

रिसर्च डेस्क: देश में राष्ट्रीय जनगणना (National Census) को लेकर लंबे समय से चला आ रहा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज यानी सोमवार, 16 जून 2025 को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत जनगणना और जातीय जनगणना से संबंधित आधिकारिक गैजेट अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के मुताबिक, देश में अगली जनगणना साल 2027 में कराई जाएगी।

1 मार्च 2027 की आधी रात होगी आधार तारीख

अधिसूचना के अनुसार, देश के ज्यादातर राज्यों में जनगणना के लिए 1 मार्च 2027 की आधी रात की तारीख को आधार माना जाएगा। हालाँकि, ठंडे और बर्फबारी वाले इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में मौसम की चुनौतियों को देखते हुए यह तारीख 1 अक्टूबर 2026 तय की गई है। जनगणना की पूरी प्रक्रिया 21 महीनों में, 1 मार्च 2027 तक पूरी कर ली जाएगी। प्राइमरी डेटा मार्च 2027 में ही जारी हो जाएगा, जबकि विस्तृत डेटा साल के आखिर तक उपलब्ध होगा।

दो चरणों में पूरी होगी जनगणना

जनगणना की पूरी प्रक्रिया को दो चरणों में संपन्न किया जाएगा:

  1. पहला चरण (हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन – एचएलओ): इसमें प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, परिसंपत्तियों और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा।
  2. दूसरा चरण (जनसंख्या गणना – पीई): इसमें प्रत्येक घर के प्रत्येक व्यक्ति का जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरण लिया जाएगा।

जातिवार गणना और डिजिटल माध्यम

इस बार की जनगणना में जातिवार गणना भी शामिल की जाएगी, जो एक महत्वपूर्ण बदलाव है। जनगणना गतिविधियों के लिए लगभग 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना कार्यकर्ता तैनात किए जाएंगे।

यह भारत में जनगणना शुरू होने के बाद से 16वीं जनगणना होगी और स्वतंत्रता के बाद यह आठवीं जनगणना होगी। पिछली जनगणना साल 2011 में हुई थी, और कोरोना महामारी के चलते 2021 की जनगणना स्थगित कर दी गई थी, इस कारण यह जनगणना 16 साल के बाद आयोजित की जा रही है।

आगामी जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लोगों के लिए स्व-गणना (Self-enumeration) की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।



Research Desk

Research Desk

About Author

Go Gorakhpur की रिसर्च टीम गोरखपुर अंचल के इतिहास, भूगोल, साहित्य, कला-संस्कृति, समाज पर केंद्रित आलेख ढेर सारे दस्तावेजों के अध्ययन के आधार पर तैयार करती है. तथ्यों के संकलन के क्रम में हम शहर के जानकार लोगों से बातचीत भी करते हैं. ऐसे आलेखों के पीछे पूरी टीम का सहयोग होता है, लिहाजा साझा श्रेय 'रिसर्च डेस्क' के नाम है.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नया एक्सप्रेसवे: पूर्वांचल का लक, डेवलपमेंट का लिंक महाकुंभ 2025: कुछ अनजाने तथ्य… महाकुंभ 2025: कहानी कुंभ मेले की…
नया एक्सप्रेसवे: पूर्वांचल का लक, डेवलपमेंट का लिंक महाकुंभ 2025: कुछ अनजाने तथ्य… महाकुंभ 2025: कहानी कुंभ मेले की… कहानी खिचड़ी मेला की…