गोरखपुर शहर के दक्षिण-पश्चिम इलाके में गीडा की स्थापना, नोएडा की तर्ज पर की गई थी. इसके सूत्रधार थे तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी. 1988 में उन्होंने ही नोएडा की तर्ज पर गीडा बनाने की योजना को मंजूरी दी थी. गोरखपुर से उन्हें गहरा लगाव था. यहां बंद पड़े खाद कारखाने को चलवाने की मांग को लेकर उन्होंने 1999 में फर्टिलाइजर में उपवास रखा था.
पूर्वी उत्तर प्रदेश में रोजगार और उद्योगों के विकास के लिए प्रदेश सरकार ने 30 नवंबर 1989 को उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम 1976 के तहत गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण का गठन किया था. इस योजना के तहत गीडा का कुल क्षेत्रफल 13,135 एकड़ है. यह 32 सेक्टरों में बांटा गया है. गीडा में स्थापित बड़े उद्योगों में शामिल हैं
- 1. गैलेंटस्टील
- 2. इंडिया ग्लाइकोल्स
- 3. आईजीएल डिस्टिलरी
- 4. एबीआर पेट्रो
- 5. नेमानी प्लाईवुड
- 6. आजम रबर्स
- 7. ट्राइडेंट स्टील
- 8. विनायक उद्योग
- 9. एस एंड जे बेवरेजेज
- 10. मोदी केमिकल्स
प्रदेश में कांग्रेस सरकार की ओर से शहर को दिया गया संभवत: यह सबसे बड़ा तोहफ़ा था. मुख्यमंत्री के रूप में नारायण दत्त तिवारी का गोरखपुर आना-जाना हमेशा लगा रहता था. पुराने नेता बताते हैं कि जब कांग्रेस ने महावीर प्रसाद को प्रदेश अध्यक्ष बनाया तो शहर से बड़ा जुलूस निकला था. उस जुलूस में एनडी तिवारी भी शामिल हुए थे. 31 जनवरी, 2015 को नारायण दत्त तिवारी अंतिम बार गोरखपुर के दौरे पर आए थे.