Dowry Killing: पीपीगंज में दहेज हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां 28 वर्षीय महिला नंदिनी की ससुराल वालों द्वारा कथित तौर पर पिटाई करने और छत से नीचे फेंकने के बाद मौत हो गई. उसके पिता ने बताया कि जनवरी 2023 में शादी के बाद से ही ससुराल के लोग बिटिया को दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे. एसी और अन्य सामान उपलब्ध कराने के बावजूद ससुराल वालों की मांग जारी रही. वहीं नंदिनी के ससुराल वालों का दावा है कि नंदिनी ने आत्महत्या की है और उसके हाथ का लिखा एक सुसाइड नोट मिला है. नंदिनी के पिता ने सुसाइड नोट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया है. फोरेंसिक जांच चल रही है और पुलिस ने दहेज निषेध कानून के तहत मामला दर्ज किया है.
सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़ वार्ड 12 निवासी रामचंद्र अग्रहरी ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी बेटी नंदिनी की शादी 31 जनवरी, 2023 को पीपीगंज नगर पंचायत वार्ड 19 निवासी अशोक अग्रहरी के बेटे राजन अग्रहरी से किया था. शादी के बाद से ही दहेज की मांग को लेकर राजन अग्रहरी का परिवार उसकी बेटी नंदिनी को प्रताड़ित कर रहा था. इस दौरान उसने एक बच्ची को जन्म भी दिया जिसकी उम्र आठ माह है. कुछ दिन पूर्व उन्होंने ससुराल के लोगों की मांग पर एसी दिया था. अब वह मोटरसाइकिल की मांग कर रहे थे जबकि शादी के समय जो कुछ भी ससुराल के लोगों ने मांगा था वह दिये थे. आये दिन उनकी बेटी को दहेज के लिए पति, सास और ससुर आदि प्रताड़ित कर रहे थे. उसे मारा पीटा जाता था. बेटी ने इसकी जानकारी मायके में दी थी. कई बार उक्त लोगों को समझाया गया लेकिन वह अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे थे. हम लोगों ने सोचा कि समय के साथ सब ठीक हो जाएगा इसलिए कोई लीगल एक्शन नहीं लिया. बीती रात ससुराल के लोगों ने उनकी बेटी को पीटने के बाद चार मंजिला मकान की छत से नीचे फेंक दिया जिससे उसकी मौत हो गयी. जांच के दौरान मौके से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है. नंदिनी के पिता का कहना है कि सुसाइड नोट उनकी बेटी का लिखा हुआ नहीं है. पुलिस ने सारे साक्ष्यों को संकलित कर जांच के लिए सुरक्षित कर लिया है.
इस संबंध में उप जिलाधिकारी व क्षेत्राधिकारी कैम्पियरगंज ने स्थानीय मीडिया को बताया कि मामले की जांच फोरेंसिक टीम के द्वारा कराई गयी है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही हत्या है या आत्महत्या स्पष्ट हो पाएगा. फिलवक्त मुकामी पुलिस ने पिता की तहरीर के आधार पर भारतीय न्याय संहिता 80 व 85 दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 में धारा 3 व 4 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है.