यूपी के डीजीपी ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए निर्देश दिए हैं कि अब गैंगस्टर एक्ट के तहत अपराधियों के रिश्तेदारों और दोस्तों की आय से अधिक संपत्ति भी जब्त होगी। इसमें क्रिप्टो और शेयर भी शामिल होंगे।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश पुलिस अब अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश जारी किए हैं कि गैंगस्टर एक्ट की तरह ही भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 107 के तहत अब अपराधियों के साथ-साथ उनके रिश्तेदारों की संपत्तियों की भी गहनता से जांच की जाएगी। अगर किसी रिश्तेदार की आय के स्रोत से ज्यादा संपत्ति पाई गई, तो यह माना जाएगा कि अपराधी ने अपराध से कमाई हुई रकम का उपयोग उस संपत्ति को खरीदने में किया है, और उसे भी जब्त किया जाएगा।
क्या है नया प्रावधान?
नए आदेश के अनुसार, अब पुलिस केवल अपराधी की संपत्ति ही नहीं, बल्कि उसके चल और अचल के साथ-साथ अमूर्त संपत्तियों की भी जांच करेगी। इसमें शेयर, क्रिप्टो करेंसी और बॉन्ड जैसी चीजें भी शामिल हैं। विवेचक को अपराधी और उसके संदिग्ध रिश्तेदारों की संपत्तियों का पूरा ब्यौरा एसएसपी को देना होगा। एसएसपी की अनुमति के बाद ही संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
Read …..सहजनवां: मजदूरी मांगने पर ठेकेदार पर मजदूर की पीट-पीटकर हत्या का आरोप, पत्नी ने दर्ज कराई शिकायत
संपत्ति जांच के 10 प्रमुख बिंदु
पुलिस अब दस बिंदुओं पर अपराधियों की संपत्ति की जांच करेगी। इन बिंदुओं में शामिल हैं:
- आपराधिक इतिहास: अपराधों से पहले और बाद में अर्जित की गई संपत्ति का तुलनात्मक विश्लेषण।
- जीवनशैली: अपराधी और उसके परिवार की जीवनशैली और उनके रहने के स्थान की जांच। यदि वे अपनी आय से अधिक आलीशान मकान में रहते हैं, तो जांच की जाएगी।
- रिश्तेदार और मित्र: सिर्फ रिश्तेदारों ही नहीं, बल्कि अपराधियों के करीबी मित्रों की संपत्तियों की भी जांच की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं अपराधी ने उनके नाम का उपयोग तो नहीं किया।
डीजीपी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जब्त की गई संपत्ति को 60 दिन के अंदर न्यायालय के आदेश और डीएम की अनुमति से पीड़ितों में वितरित करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। यह नई पहल अपराधियों पर आर्थिक चोट करने और अपराध से अर्जित संपत्ति को वापस समाज को लौटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।