यूपी एटीएस ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है, जिसके तार रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़े हैं। इस कार्रवाई में 8 जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता दिलाने का काम करते थे।
लखनऊ: यूपी एटीएस ने एक ऐसे फर्जी आधार कार्ड रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसके तार देश को खोखला कर रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़े हैं। इस गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। ये जालसाज जनसेवा केंद्रों की आड़ में फर्जी दस्तावेज बनाकर घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता दिलाने का काम करते थे। हैरानी की बात यह है कि इस गिरोह ने 18 साल से ऊपर के लोगों को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के जरिए कम उम्र का दिखाकर आधार कार्ड जारी कराए। यह गिरोह सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि बिहार, बंगाल और दिल्ली तक फैला हुआ था। इस कामयाबी को ‘घुसपैठिया मुक्त यूपी’ के लिए योगी सरकार के अभियान की दिशा में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर हुआ ‘खेल’
यह जालसाज गिरोह, रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता दिलाने के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र तैयार करता था। 2023 के बाद 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का सीधे आधार कार्ड बनाने पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन इस गिरोह ने इस नियम को दरकिनार करने का एक नया तरीका ढूंढ निकाला। वे फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर घुसपैठियों को 18 साल से कम उम्र का दिखाते थे, जिससे उनके आधार कार्ड आसानी से बन जाते थे। इसके लिए वे डमी यूजर बनाकर सिस्टम आईडी का भी दुरुपयोग करते थे, जिससे कोई उन पर शक न कर सके।
देश भर में फैला था जालसाजों का नेटवर्क
इस गिरोह का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके तार पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, कोलकाता, बिहार के लखीसराय, कटिहार और दिल्ली-एनसीआर तक फैले हुए थे। यूपी एटीएस ने अलग-अलग शहरों से इस गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें आजमगढ़ से मोहम्मद नसीम, मोहम्मद शाकिब और विशाल कुमार शामिल हैं। वहीं, मऊ जिले से हिमांशु राय और मृत्युंजय गुप्ता, गाजियाबाद से सलमान अंसारी, औरैया से गौरव कुमार और गोरखपुर से राजीव तिवारी को पकड़ा गया है। ये सभी जनसेवा केंद्रों और रिमोट सिस्टम का इस्तेमाल कर इस अवैध काम को अंजाम देते थे।
सरकार और जनता दोनों के लिए खतरा
यह गिरोह दलालों के माध्यम से उन रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों से संपर्क करता था, जिनके पास कोई भी भारतीय दस्तावेज नहीं थे। उनसे मोटा पैसा लेकर ये जालसाज फर्जी आधार कार्ड बनवाते थे। इन फर्जी आधार कार्डों के दम पर घुसपैठिए न सिर्फ भारतीय पासपोर्ट बनवा रहे थे, बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा रहे थे। यूपी एटीएस की इस कार्रवाई से न सिर्फ देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि घुसपैठियों की अवैध गतिविधियों पर भी लगाम लगी है।