Gorakhpur/Two days seminar on unknown revolutionaries of freedom: पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 108वीं जयंती के अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में 25 और 26 सितंबर को ‘रिवॉल्यूशनरी मूवमेंट: द मिसिंग पेज फ्रॉम हिस्ट्री’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. यह संगोष्ठी संवाद भवन में आयोजित होगी. संगोष्ठी में स्वतंत्रता संघर्ष के उन नायकों व घटनाओं के उल्लेख व योगदान पर विमर्श होगा, जो इतिहास की किताबों में दर्ज नहीं हो पाए. किन्तु जिनके अब व्यापक व मजबूत साक्ष्य भारतीय अभिलेखागार में मौजूद हैं. इस विमर्श में देशभर के लब्धप्रतिष्ठ इतिहासविद् व पूरातात्विक विशेषज्ञ शामिल होंगे. समुचित इतिहास के निर्माण में यह संगोष्ठी निर्णायक भूमिका अदा करेगी.
दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, दिल्ली के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. रघुवेंद्र तंवर उपस्थित रहेंगे. इस संगोष्ठी के दौरान प्रफुल्ल केतकर, डॉ. बालमुकुंद पाण्डेय और अनंत विजय जैसे विद्वानों के महत्वपूर्ण व्याख्यान होंगे. दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में छः तकनीकी सत्रों के अतिरिक्त दो विशेष व्याख्यान सत्र भी आयोजित किया जाएगा. जिसमें 25 सितंबर को ‘आर्यन इश्यूज इन द लाइट ऑफ आर्कियोजेनेटिक रिसर्च’ विषय पर प्रो. वसंत शिंदे तथा 26 सितंबर को ‘आर्कियोलॉजी ऑफ रामायण एंड महाभारत’ विषय पर पद्मश्री डॉ. केके मोहम्मद का व्याख्यान होगा.
राष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर विश्वविद्यालय के अमृता कला वीथिका में सात दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा. यह प्रदर्शनी आईसीएचआर की ओर से लगेगी. आईसीएचआर के सदस्य प्रो. हिमांशु चतुवेर्दी ने बताया कि इस प्रदर्शनी का आयोजन पहली बार दिल्ली से बाहर और गोरखपुर विश्वविद्यालय में होना महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह प्रदर्शनी स्वतंत्रता संघर्ष के विभिन्न अनदेखे पहलुओं व घटनाओं की दिलचस्प जानकारी उपलब्ध कराएगी.
