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विकास, मंगरू मास्साब और सुबह की चाय!

बतकही: मंगरू मास्साब बहुत खुश हैं. आज सुबह की चाय पर जब बहुत कुरेदा तो पता चला कि उनकी खुशी की जड़ में “विकास” बैठा हुआ है. यह वही विकास है जिसको लेकर आजकल खूब चर्चा हो रही है. हालांकि विकास को लेकर राजनीतिक हल्कों में चर्चा हाल के कुछ वर्षों से ज्यादा हो रही है.

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