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गणतंत्र दिवस पर स्पोर्ट्स शाला में गूंजी देशभक्ति की धुन

गणतंत्र दिवस पर इंद्रप्रस्थपुरम कॉलोनी में आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में उपस्थित लोग.

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गणतंत्र दिवस पर स्पोर्ट्स शाला में गूंजी देशभक्ति की धुन
गणतंत्र दिवस पर स्पोर्ट्स शाला में गूंजी देशभक्ति की धुन

Gorakhpur: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की शीतल, सुगंधित बयार गांव, शहर, गली, पर्वत, नदी ही नहीं, देश के कोने-कोने में बहती रही. इन्हीं में से एक “स्पोर्ट्स शाला” के आंगन में पूरे दिन गणतंत्र दिवस की मधुर धुन गूंजती रही. लोगों के दिलो-दिमाग पर छाई रही. “स्पोर्ट्स शाला” महानगर गोरखपुर के बाहरी हिस्से में स्थित एक खुशहाल कॉलोनी इंद्रप्रस्थ पुरम में स्थित है.

गलन भरी सुबह. बर्फीली हवाओं का दिन रहा कल. इसी के बीच घड़ी की सुइयों ने सुबह के 10:00 बजे. एक-एक कर आजादी के प्रेमी जुटने लगे. तकरीबन 10:20 पर “स्पोर्ट्स शाला” में खेल के महारथी मजबूत हाथों ने नागरिकों के साथ मिलकर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराया. ध्वज से पुष्प वर्षा के साथ जन गण मन की ध्वनि सुमधुर कंठों से प्रस्फुटित हुई. राष्ट्रगान की यह ध्वनि काफी देर तक हवा में गूंजती रही. लोगों के दिलों में देश प्रेम का जज्बा छाया रहा. बात शुरू हुई आजादी के उन दीवानों की जिन्होंने देश को आजाद करने के लिए अपना तन मन न्योछावर किया और प्राणों की आहुतियां दीं.

क्षमाशीलता एक बड़ा गुण: जे. लाल
वीपी पांडेय, “स्पोर्ट्स शाला” में खिलाड़ियों की नर्सरी तैयार कर रहे हैं, जिन्होंने इस कार्यक्रम की मेजबानी और संचालन भी किया, आगतों से अपनी बातें साझा करने का अनुरोध किया. मुख्य अतिथि के रूप में, अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य प्रदीप ने अपने जीवन में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे लोकतांत्रिक मूल्यों व आजादी से जोड़ा. उन्होंने “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” पर जोर देते हुए विकास और गांव के महत्व पर चर्चा की और एक कविता भी सुनाई. जगदीश लाल ने जीवन में “क्षमा” के महत्व को रेखांकित किया और दक्षिण अफ्रीकी पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के जीवन की एक घटना का उदाहरण दिया. उन्होंने गांधी और स्वतंत्रता सेनानियों के देश को आजाद कराने के संघर्षों पर भी प्रकाश डाला.

गणतंत्र दिवस पर इंद्रप्रस्थपुरम कॉलोनी में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित लोग.
गणतंत्र दिवस पर इंद्रप्रस्थपुरम कॉलोनी में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित अतिथिगण.

संघर्ष हमें समर्थवान बनाता है: शैलेंद्र
एसएन प्रसाद ने अपने संबोधन में समय की पाबंदी और एकजुटता के महत्व पर जोर दिया. अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने खेल जीवन में संघर्षों का सामना किया. उन्होंने कहा कि अगर आप संघर्ष करने के लिए तैयार हैं, तो असफलता और संसाधनों की कमी आपको रोक नहीं सकती. उन्होंने बताया कि वह एक गरीब परिवार से हैं, लेकिन संघर्ष करने की अपनी क्षमता के कारण, उन्होंने एशियन गेम्स में पदक जीतकर सफलता हासिल की.

तीन सत्रों में विभाजित यह कार्यक्रम शाम 4 बजे तक अपने तीसरे सत्र में पहुँच चुका था. मौसम सुबह की तुलना में अधिक सुहावना हो गया था. अब विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले युवा एथलीटों को सम्मानित करने का समय था. इस अवसर के लिए एक छोटा लेकिन गरिमापूर्ण समारोह आयोजित किया गया था.

प्रकृति को अपेक्षित महत्व दें: भुवनेश्वर पांडेय
भुवनेश्वर पांडे ने इसे संबोधित करते हुए संस्कृत श्लोकों के माध्यम से प्रकृति के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने छोटे-छोटे प्रश्नों के माध्यम से खिलाड़ी बच्चों के साथ इतिहास और भूगोल को साझा किया. उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ियों को अपने जीवन के प्रत्येक 24 घंटे को तीन हिस्सों में बांट देना चाहिए. पहला हिस्सा खेल और पढ़ाई में लगाना चाहिए. दूसरा हिस्सा शरीर सौष्ठव, नींद और विश्राम में बिताना चाहिए. शेष 8 घंटे को इस प्रकार बांटना चाहिए कि 2 घंटे माता-पिता की सेवा में, 2 घंटे ईश्वर की सेवा तथा संगीत साधना में और शेष 2 घंटे प्रकृति की सेवा में खर्च किए जाने चाहिए.

गणतंत्र दिवस पर स्पोर्ट्स शाला में गूंजी देशभक्ति की धुन
खिलाड़ियों को पुरस्कार देते मान्धाता सिंह.

खेलों में प्रैक्टिस की निरंतरता जरूरी: डॉ. अनीता सिंह
सुप्रसिद्ध खिलाड़ी डॉक्टर अनीता सिंह ने खिलाड़ियों को खेल अभ्यास जारी रखने की सलाह दी. प्राकृतिक चिकित्सक एवं खिलाड़ी डॉक्टर सुधाकर चौहान ने भी सभा को संबोधित किया. युवा चेतना समिति के अध्यक्ष मांधाता सिंह ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि “स्पोर्ट्स शाला” के संस्थापक वीपी पांडे का यह प्रयास बहुत ही प्रशंसनीय है. उन्होंने खिलाड़ियों के जीवन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं.

प्रतिस्पर्धाओं के विजेता—

टेबल टेनिस

वरिष्ठ वर्ग: कृष्णा निषाद
उपविजेता: आदित्य कुमार पांडेय
स्कोर: 3-1

सामान्य वर्ग:
विजेता: अंकित कुमार
उपविजेता: अंकित भारती
स्कोर: 3-2

टेबल टेनिस डबल्स:
विजेता: अखिल कुमार और करण निषाद
उपविजेता: आदित्य श्रीवास्तव और अर्णव सिंह

चित्रकला:
प्रथम : सुनिधि कनौजिया
द्वितीय : अतुल कनौजिया

खेल उत्सव में 25-30 स्कूली बच्चों ने भाग लिया. हर्षित, दिव्यांश, श्रेयांश, सर्वेश सिंह, वैभव शर्मा समेत अन्य प्रतिभागियों को मेडल देकर प्रोत्साहित किया गया. कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग देने वाले स्पोर्टशाला के बच्चों को भी पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.

ध्वजारोहण कार्यक्रम में आनंद देव पांडेय, राजेश श्रीवास्तव, टी पी श्रीवास्तव, सुनील कुमार पांडेय, मनीष वर्मा, अश्वनी श्रीवास्तव, श्रीराम सिंह, गजेन्द्र चौधरी, संतोष कुमार श्रीवास्तव, के एन त्रिपाठी, ए के सक्सेना, एस एन प्रसाद, एसपी निगम, प्रगति टेबल टेनिस अकादमी के निदेशक अभिषेक चौरसिया, ओमनी स्पोर्ट्स के निदेशक आशीष कुमार जायसवाल, संजीव चतुर्वेदी, रेल कर्मचारी नेता काशी नरेश चौबे, समाजसेवी अनिल कुमार जायसवाल, सत्यदेव श्रीवास्तव और पंतनगर के इंटर कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य प्रमुख रूप से उपस्थित रहे. साथ ही, त्रिपुरा से आईं तंद्रा देव बर्मन, धृति देव बर्मन, आर्क और शिवानी पांडेय ने इस आयोजन में विशेष योगदान दिया.

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पुरस्कार वितरण समारोह में डॉ. सुधाकर चौहान (प्राकृतिक चिकित्सक), डॉ. अनीता सिंह (प्राकृतिक चिकित्सक और राष्ट्रीय शूटिंग खिलाड़ी), मांधाता सिंह (अध्यक्ष, युवा चेतना समिति), भुवनेश्वर पांडेय, त्रिपुरा से आए तंद्रा देव बर्मन और धृति देव बर्मन, स्पोर्टशाला के आर्क, शिवानी पांडेय और विनोद प्रकाश पांडेय (पूर्व राष्ट्रीय टेबल टेनिस खिलाड़ी), अनुराग राय सहित अन्य लोग उपस्थित थे.

गो गोरखपुर

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