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गो बतकही बात-बेबात

सियासी लड्डू, मिलावट और जांच

बतकही-गो गोरखपुर

बाबू साहब दुबे जी से मुखातिब थे. उनका प्रश्न था. “दुबे जी यह लड्डू विवाद क्या है”. दुबे जी बता रहे थे — आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित भगवान वेंकटेश का मंदिर है. वहां चढ़ावे का लड्डू प्रसाद के रूप में मिलता है. लड्डू की गुणवत्ता को लेकर गंभीर आरोप हैं. चौंकाने वाला तथ्य तेलुगु देशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने उद्घाटित किया है. उन्होंने किसी रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि लड्डू बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला देसी घी मिलावटी है. मिलावट भी पशु चर्बी की हुई है. वर्तमान समय में वहां नायडू साहब की सरकार है. उनके अनुसार मिलावट के लिए विपक्षी पार्टी के लोग जिम्मेदार हैं.

दुबे जी बता रहे थे – जिस रिपोर्ट का उल्लेख किया जा रहा है, वह रिपोर्ट गुजरात स्थित किसी जांच लैब की है. सारी कहानी हिंदी पट्टी के अखबारों में छपी हुई है. कुछ खास रिपोर्ट अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने प्रकाशित की है. दुबे जी बताते चले गए कि प्रकाशित खबर में कहा गया है कि घी आपूर्ति करने वाली फर्म “एआर डेयरी फूड” के गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी कन्नन ने आरोपों को “निराधार” बताया है.

कन्नन के अनुसार, एआर डेयरी अपने खुद के खरीद केंद्र चलाती है. वह 32 सेकंड के भीतर दूध के 102 गुणवत्ता मानकों का परीक्षण करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करती है. उन्होंने कहा है, “अगर दूध किसी भी गुणवत्ता परीक्षण में विफल हो जाता है, तो उसे तुरंत खारिज कर दिया जाता है.”

कन्नन ने कहा है, “हमारे घी के नमूनों का परीक्षण पहले राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में किया जाता है, उसके बाद उन्हें टीटीडी को भेजा जाता है. वहां पहुंचने पर, टीटीडी के खाद्य सुरक्षा अधिकारी फिर से नमूनों की जांच करते हैं.”

टीटीडी प्रशासन के अनुसार, पांच कंपनियां – प्रीमियर एग्री फूड्स, कृपाराम डेयरी, वैष्णवी, श्री पराग मिल्क और एआर डेयरी – 320 रुपये से लेकर 411 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से घी उपलब्ध करा रही हैं. हालांकि, प्रशासन ने इस बात पर चिंता जताई है कि शुद्ध घी के लिए ये दरें उचित नहीं हैं.

बाबू साहब ठहाका लगाते हैं. प्रति प्रश्न करते हैं. भला इतनी सस्ती दर के घी से कौन सा लड्डू बनेगा. आखिर मंदिर प्रशासन को इतने सस्ते दर के घी का इस्तेमाल करने की क्या मजबूरी आन पड़ी है. मंदिर के पास पैसों की कमी तो है नहीं. अपरंपार धनराशि चढ़ावे में आती है.

बाबू साहब का दूसरा ठहाका इस बात को लेकर भी था कि जांच ही करानी थी तो चेन्नई में एफएसएसआई का रीजनल लैब है. नमूने की जांच वहां न कराकर इसे गुजरात प्रांत के लैब में क्यों भेजा गया?

तिरुपति लड्डू की कीमत क्या है?

तिरुमाला मंदिर में भक्तों को तीन आकार में लड्डू मिलते हैं —

  1. लगभग 40 ग्राम वजन वाले छोटे लड्डू को दर्शन करने और मंदिर से बाहर आने पर सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में दिया जाता है.
  2. 175 ग्राम वजन वाले मध्यम आकार के लड्डू की कीमत 50 रुपये/लड्डू होती है.
  3. 750 ग्राम वजन वाले बड़े आकार के लड्डू की कीमत 200 रुपये/लड्डू होती है.

Jagdish Lal

Jagdish Lal

About Author

हिंदी पत्रकारिता से करीब चार दशकों तक सक्रिय जुड़ाव. संप्रति: लेखन, पठन-पाठन.

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