सिद्धार्थनगर

सिद्धार्थनगर: दवा कारोबारी और पत्नी का गला रेता हुआ शव घर में मिला

सिद्धार्थनगर: दवा कारोबारी और पत्नी का गला रेता हुआ शव घर में मिला
सिद्धार्थनगर में दवा होलसेलर मोहन अग्रवाल और उनकी पत्नी अंजू अग्रवाल की गला रेतककर हत्या कर दी गई है। पुलिस इसे कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या बता रही है, जबकि परिवार ने इससे इनकार किया है। पुलिस को घटनास्थल से एक सर्जिकल ब्लेड और सुसाइड नोट मिला है, जिसकी फॉरेंसिक जांच जारी है।

सिद्धार्थनगर: सिद्धार्थनगर में दवाओं के बड़े होलसेलर मोहन अग्रवाल (65) और उनकी पत्नी अंजू अग्रवाल (55) अपने बढ़नी स्थित किराए के फ्लैट में आज सुबह खून से लथपथ मृत पाए गए। दंपति के गले धारदार हथियार से कटे हुए थे और पूरे कमरे में खून फैला हुआ था, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने मौके से एक सर्जिकल ब्लेड और सुसाइड नोट मिलने का दावा करते हुए इसे आत्महत्या का मामला बताया है, हालांकि पीड़ित परिवार इस बात से इनकार कर रहा है।

घटना का खुलासा सुबह लगभग 5 बजे तब हुआ जब पड़ोस के फ्लैट में रहने वाले उनके बड़े बेटे राहुल अग्रवाल ने माता-पिता के फ्लैट का दरवाजा खुला देखा। अंदर जाने पर उसने अपने पिता मोहन अग्रवाल का लहुलुहान शव बरामदे में पाया। कमरे के अंदर जाने पर मां अंजू अग्रवाल का शव बिस्तर पर पड़ा मिला। दोनों के गले कटे हुए थे। बेटे की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी और स्थानीय लोग तुरंत मौके पर जमा हो गए।

सूचना मिलते ही सीओ सुजीत राय, एसडीएम राहुल सिंह और भारी पुलिस बल फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए और फ्लैट को सील कर दिया गया है। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

पुलिस का बयान: कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या: सीओ सुजीत राय ने बताया कि शुरुआती जांच में यह आत्महत्या का मामला लग रहा है। उन्होंने पुष्टि की कि घटनास्थल से एक सर्जिकल ब्लेड बरामद हुआ है, जिसका उपयोग गले काटने के लिए किया गया होगा। साथ ही, पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें दंपति द्वारा कर्ज से परेशान होने का जिक्र है। पुलिस ने सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग का मिलान करने के लिए उसे फॉरेंसिक लैब भेज दिया है। सीओ ने आगे कहा कि पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

परिवार का दावा: यह आत्महत्या नहीं: मोहन अग्रवाल शहर के प्रतिष्ठित दवा होलसेलर थे और आर्य समाज रोड पर ‘अग्रवाल मेडिकल स्टोर’ नाम से दुकान चलाते थे। उनके बड़े बेटे राहुल अग्रवाल, जो उनके साथ व्यवसाय में थे और पड़ोस के फ्लैट में रहते हैं, ने पुलिस के आत्महत्या के दावे पर सवाल उठाया है। राहुल ने बताया, “पापा कर्ज से काफी परेशान थे। लेनदार आए दिन घर आते थे। पर पापा सुसाइड नहीं कर सकते। पुलिस कह रही है कि कमरे से सुसाइड नोट मिला है, पर हमने कोई सुसाइड नोट नहीं देखा।” मोहन अग्रवाल का छोटा बेटा रोहन गोरखपुर में कपड़ों का होलसेलर है और पूर्व में भाजपा मंडल अध्यक्ष रह चुका है।

पुलिस अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच का इंतजार कर रही है, जो इस रहस्यमय मौत की गुत्थी सुलझाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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गो गोरखपुर ब्यूरो

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