बतकही बात-बेबात

शराब आत्मा और शरीर दोनों को मारती है!

गो गोरखपुर बतकही

चौराहे पर खबर तारी थी। लोग चर्चा कर रहे थे। नशे की हालत में था। यहीं बैठा था। कब लुढ़क गया, कब सांसें थम गईं। किसी को पता नहीं। पुलिस को सूचना गई।

पुलिस आई। उसने देखा। युवक के प्राणपखेरू उड़ चुके थे।

कहां का था, कौन था, कुछ पता नहीं। चर्चा थी नशे की हालत में था। धूप में देर तक पड़ा रहा। शायद जान जाने की वजह यही रही।

लोगों का अनुमान सही हो सकता है। विज्ञान भी यही कहता है। बाह्य संवेदनाओं को सबसे पहले त्वचा ग्रहण करती है। मांसपेशियां और उनसे गुजरती तांत्रिकाएं ग्रहण किए संदेश मस्तिष्क को पहुंचाना बंद कर देते हैं। कड़ाके की ठंड के दिनों में प्रायः इसके दुष्परिणाम ज्यादा दिखते हैं। मस्तिष्क और अंगों के बीच का संवाद भंग हो जाता है।

लड़खड़ाते कदम, संभलना, गिरना सधी जुबान न बोल पाना आदि। मस्तिष्क के संदेशों की वाहक तंत्रिकाओं का अंगों के साथ तालमेल का अभाव इसके सबूत हैं।

अफसोस! किसी परिवार का दीपक बुझ गया। “शराब आत्मा और शरीर दोनों को मारती है”। उन्होंने कहा था। वे फकीर थे। इसकी भयावहता समझते थे। आखिर वो राष्ट्रपिता जो थे।

मदिरा के पक्ष और विपक्ष दोनों है। हैरत है एक सात्विक ने पक्ष में एक यथार्थ का चित्रण किया। एक नामचीन साहित्यकार की जीवन शैली सुनाई। साहित्यकार विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। विश्वविद्यालयीय पठन-पाठन, प्रशासनिक कार्य संपादित कर घर लौटते।

देर शाम दस्तरखान सजाते। खरीद कर लाते। अकेले जाम छलकाते। कभी किसी से साझा न करते। कोई साथ का हुआ तो आग्रह करने से बचते। महफिलों में गए तो खुद की साथ ले जाते। किसी की भावनाएं आहत न हों, इसका भरपूर ख्याल रखते। कभी किसी से उम्मीद नहीं की। न छिपाते, न बताते, न लड़खड़ाते, न असहज होते।

पूरी उम्र जी। जब तक जी शान से पी।



  • घंटाघर: बिस्मिल की मां ने जहां बिरतानी हुकूमत को ललकारा था

    घंटाघर: बिस्मिल की मां ने जहां बिरतानी हुकूमत को ललकारा था

  • Go Gorakhpur News

    136 साल पुराने इस स्कूल से आपके घर में किसी ने ज़रूर की होगी पढ़ाई

  • पाश्र्व गायक और अभिनेता किशोर कुमार के साथ असित सेन. फोटो: बॉलीवुड सोशल मीडिया

    Asit Sen: घोष कंपनी की गलियों से बॉलीवुड का कॉमेडी किंग बनने का सफ़र जानते हैं आप?

  • Go Gorakhpur News

    बिजली कटने का मैसेज भेजकर चल रहा ठगी का धंधा

  • रामगढ़ झील

    रामगढ़ झील का एक चक्कर लगाने के लिए 18 किमी चलना पड़ेगा

  • पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में हैं कितने स्टेशन, क्या आपको पता है?

    पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में हैं कितने स्टेशन, क्या आपको पता है?

  • गोरखपुर में हुई थी बैठक, जय प्रकाश नारायण चुने गए थे एआइआरएफ के अध्यक्ष

    गोरखपुर में हुई थी बैठक, जय प्रकाश नारायण चुने गए थे एआइआरएफ के अध्यक्ष

  • भोजपुरी के पहले सुपरस्टार बालेश्वर यादव का गोरखपुर से नाता जानते हैं आप?

    भोजपुरी के पहले सुपरस्टार बालेश्वर यादव का गोरखपुर से नाता जानते हैं आप?

  • गोरखपुर में कब आया था भीषण भूकंप?

    गोरखपुर में कब आया था भीषण भूकंप?

Jagdish Lal

Jagdish Lal

About Author

हिंदी पत्रकारिता से करीब चार दशकों तक सक्रिय जुड़ाव. संप्रति: लेखन, पठन-पाठन.

नया एक्सप्रेसवे: पूर्वांचल का लक, डेवलपमेंट का लिंक महाकुंभ 2025: कुछ अनजाने तथ्य… महाकुंभ 2025: कहानी कुंभ मेले की…
नया एक्सप्रेसवे: पूर्वांचल का लक, डेवलपमेंट का लिंक महाकुंभ 2025: कुछ अनजाने तथ्य… महाकुंभ 2025: कहानी कुंभ मेले की… कहानी खिचड़ी मेला की…