300 छात्र-छात्राओं ने पांच विभिन्न प्रतियोगिताओं में लिया हिस्सा
Gorakhpur: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में हीरक जयंती समारोह के तहत आयोजित डेलीगेसी प्रतियोगिता श्रृंखला के पांचवें दिन, लगभग 300 छात्र-छात्राओं ने पांच विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। इन प्रतियोगिताओं में पेंटिंग, कार्टूनिंग, रंगोली, फोटोग्राफी और गायन शामिल थे, जो ललित कला विभाग के नादायन सभागार में आयोजित की गईं। इन प्रतियोगिताओं का संयोजन डॉ. शैलेश सिंह, डॉ. प्रदीप साहनी, डॉ. गौरी शंकर और डॉ. सुमन लता चौधरी ने किया।
गायन प्रतियोगिता में छाई सुरों की बहार
गायन प्रतियोगिता सबसे अधिक समय तक चली, जिसमें सौ से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी मधुर आवाज़ से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कुछ प्रतिभागियों ने शास्त्रीय संगीत की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी, जिसमें सुर और सरगम का अद्भुत संयोजन देखने को मिला। शोध छात्र अभिषेक श्रीवास्तव ने इस सुरीले कार्यक्रम का भावपूर्ण संचालन किया। प्रतियोगिता में दुर्गेश शुक्ल ने प्रथम, प्रभाकर्ति आनंद ने द्वितीय और प्रियंजलि गुप्ता ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
संगीत का महत्व और प्रो. हर्ष सिन्हा का संदेश
प्रो. हर्ष सिन्हा ने संगीत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संगीत मनुष्य को पूर्णता प्रदान करता है। उन्होंने कहा, “संगीत आपको अपने अंदर तक ले जाता है और आपके व्यक्तित्व का परिष्कार करता है।” उन्होंने आइंस्टीन का उदाहरण देते हुए बताया कि वे वायलिन बजाने में माहिर थे और संगीत ने उनकी सोच को गहराई प्रदान की।
निर्णायक मंडल और विजेताओं का सम्मान
प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में प्रो. संदीप दीक्षित, प्रो. गौर हरि बेहरा, डॉ. कुसुम रावत और डॉ. प्रदीप साहनी शामिल थे। डेलीगेसी के उपाध्यक्ष प्रो. शिखा सिंह और सचिव डॉ. आमोद कुमार राय ने सभी संयोजकों और सदस्यों का स्वागत किया तथा उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। विश्वविद्यालय के कुलपति ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि जीत और हार से ऊपर उठकर अपने सफर में आगे बढ़ते रहें।
भाषण प्रतियोगिता के विजेता
पिछले दिन आयोजित भाषण प्रतियोगिता में वैष्णवी त्रिपाठी (बीए एलएलबी) ने प्रथम, ईरिशा सिंह (बीए एलएलएल) ने द्वितीय और श्रेया मनोज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। संयोजिका अपर्णा पांडेय ने विजेताओं के नामों की घोषणा की।