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अबू हुरैरा मस्जिद: GDA के नोटिस के बाद मुतवल्ली ने खुद ही ढहाने का किया फैसला

गोरखपुर की अबू हुरैरा मस्जिद: GDA के नोटिस के बाद मुतवल्ली ने खुद ही ढहाने का फैसला किया

दस से अधिक मजदूर लगाए, शनिवार शाम तक दोनों मंजिल ध्वस्त

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अबू हुरैरा मस्जिद: GDA के नोटिस के बाद मुतवल्ली ने खुद ही ढहाने का किया फैसला
अबू हुरैरा मस्जिद: GDA के नोटिस के बाद मुतवल्ली ने खुद ही ढहाने का किया फैसला

Gorakhpur News: घोष कंपनी मेवातीपुर इलाके में स्थित अबू हुरैरा मस्जिद को गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (GDA) ने अवैध बताते हुए ध्वस्त करने का नोटिस जारी किया था। मस्जिद के मुतवल्ली शोएब ने खुद ही मस्जिद के दोनों मंजिलों को ढहाने का फैसला किया। मुतवल्ली ने 10 से अधिक मजदूरों को लगाया, और शनिवार को देर शाम तक मस्जिद के दोनों तल पूरी तरह से ढहवा दिए।

जमीन विवाद का इतिहास

घोष कंपनी तिराहे के पास स्थित इस मस्जिद के लिए जमीन नगर निगम बोर्ड की बैठक में आवंटित की गई थी। इसके लिए शेख फुन्ना और नगर निगम के बीच हुए समझौते को आधार बनाया गया था। हालांकि, जीडीए ने मानचित्र के अभाव में इस निर्माण को अवैध घोषित कर दिया। इस मामले में दोनों पक्षों के अपने तर्क थे, और यह मामला अपीलीय अधिकारी कमिश्नर के कोर्ट में पहुंच गया। 25 फरवरी को सुनवाई होनी थी, लेकिन इसे 3 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

मस्जिद का निर्माण और विवाद

मस्जिद का निर्माण शोएब के पिता सुहेल अहमद ने पिछले साल कराया था। नगर निगम ने समझौते के बाद इस मस्जिद के निर्माण की अनुमति दी थी। हालांकि, जीडीए ने इसे अवैध बताया और 15 फरवरी को मस्जिद के मुतवल्ली को नोटिस जारी किया। इसके बाद, शनिवार को मुतवल्ली ने खुद ही मस्जिद के ऊपरी दो तलों को गिराने का फैसला किया।

जमीन पर अधिकार को लेकर चल रहे मुकदमे

नगर निगम के जानकारों के अनुसार, इस जमीन पर अधिकार को लेकर कई मुकदमे चल रहे हैं। इनमें रामचंदर बनाम नगर निगम, प्रदीप प्रधान बनाम नगर निगम और निजामुद्दीन बनाम नगर निगम के मामले शामिल हैं। पिछले साल फरवरी में नगर निगम ने जमीन पर अपना अधिकार जताते हुए पुराने निर्माण को हटाना शुरू कर दिया था।

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