Gorakhpur: शाहपुर थाना क्षेत्र में एक रेलवे कर्मचारी ने सूदखोरी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. उनकी पत्नी ने एक व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाया है. कुछ कर्मियों का कहना है कि चतुर्थ श्रेणी के कई रेलवे कर्मचारी सूदखोरों के जाल में फंसे हुए हैं. हर महीने सूदखोरों की मनमानी वसूली और अपमानजनक व्यवहार झेलना पड़ता है. गौरतलब है कि पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं.
गुलरिहा इलाके के सेमरा नंबर एक निवासी बहादुर यादव धर्मशाला स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे. उनकी पत्नी ने पुलिस को बताया कि रविवार को दोपहर 12 बजे एक व्यक्ति उनके घर आया और पति से रुपयों के लिए झगड़ा और गाली-गलौज की. उसने जान से मारने की धमकी भी दी, जिससे उनके पति बहुत परेशान और बेचैन रहने लगे. दोपहर 1:30 बजे वह ड्यूटी जाने की बात कहकर घर से निकले, लेकिन कुछ देर बाद पत्नी ने फोन किया तो उनका मोबाइल घर पर ही था. शाम 5 बजे कार्यालय से फोन आने पर वह कार्यालय पहुंची तो उनका शव एक कमरे में फंदे से लटका हुआ था.
रेलवे सहित अन्य जगहों पर अवैध तरीके से सूदखोर अपना धंधा चला रहे हैं. वह भारी भरकम मासिक ब्याज वसूल रहे हैं. बताया जा रहा है कि हर महीने छह प्रतिशत से लेकर दस प्रतिशत तक ब्याज वसूली ये सूदखोर करते हैं. इन पर लगाम कसना मुश्किल है. कई रेल कर्मी मूलधन से दो गुना, तीन गुना चुका देते हैं उसके बाद भी इनका मूलधन ज्यों का त्यों बना रहता है.