![प्रभात पांडेय मौत प्रकरण](https://gogorakhpur.com/wp-content/uploads/2024/12/prabhat-pandey-death-mistry-father-questioned-on-role-of-congressmens.webp)
Gorakhpur: कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका पर उठ रहे सवालों के बीच, पार्टी का नेतृत्व ‘सिंपैथी’ जताने में पीछे रहकर मुद्दे को और बढ़ाना नहीं चाहता. हंसमुख और लोगों की मदद में आगे रहने वाले प्रभात का शव जब गांव पहुंचा था, तो लोगों में कांग्रेस पदाधिकारियों की लापरवाही को लेकर आक्रोश फूट पड़ा था. राजघाट पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के खिलाफ नारे लगे. आहत पिता ने बस एक ही सवाल किया कि प्रभात कांग्रेस दफ्तर में दो घंटे तक अचेत पड़ा रहा, तो उसे अस्पताल क्यों नहीं पहुंचाया गया.
इस बीच, शुक्रवार को राहुल गांधी का फोन जब देईपार के ग्राम प्रधान चंद्रभूषण पांडेय के फोन पर आया. बातचीत में राहुल ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. परिवार वालों को यह लगा कि पार्टी के आलाकमान ने उनके प्रति चिंता जाहिर की है. लेकिन प्रभात की असामयिक मौत से जो सवाल उपजे थे, इस बातचीत से उनका कोई हल निकलने की राह परिवार को नहीं दिखी. उनका कहना है कि न्याय मिलना बाकी है.
ग्रामीणों के अनुसार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को देईपार निवासी प्रभात पांडेय के पिता दीपक पांडेय से बात की. राहुल गांधी का फोन ग्राम प्रधान चंद्रभूषण पांडेय के सेलफोन पर आया था. राहुल गांधी ने दीपक पांडेय को अभिवादन किया और कहा कि मैं राहुल गांधी बोल रहा हूं. इस बातचीत में दीपक पांडेय फूट-फूट कर रोने लगे.
बताया गया है कि राहुल ने प्रभात की मौत के बारे में पूरी जानकारी ली और आश्वस्त किया कि कोई जरूरत हो तो उन्हें या पार्टी के पदाधिकारियों को बताएं. उन्होंने भरोसा दिलाया कि दुख की इस घड़ी में पूरी पार्टी आप के साथ खड़ी है. यह बातचीत तीन मिनट से अधिक तक चली. प्रभात के पिता दीपक ने जब कहा कि उनके घर का तो चिराग बुझ गया, तो इस पर राहुल खामोश हो गए.