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Gorakhpur: गोरखपुर जेल से बुधवार को एक पाकिस्तानी कैदी मोहम्मद मसरूर उर्फ मंसूर अहमद उर्फ गुड्डू (56) रिहा हो गया. 17 साल बाद घरवालों से मिलने की खुशी में वह रो पड़ा. बहराइच की एलआईयू टीम उसे लेकर दूतावास रवाना हो गई. प्रक्रिया पूरी होने पर अटारी बार्डर से उसे पाकिस्तान को सौंप दिया जाएगा.
मोहम्मद मसरूर को 2008 में बहराइच जिले के रुपईडीहा के पास नेपाल सीमा से बिना पासपोर्ट के भारत में घुसने और जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बहराइच की कोर्ट ने 2013 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर उसे जासूसी सहित अन्य सभी मामलों में दोषमुक्त कर दिया था.
उस पर सिर्फ बिना पासपोर्ट के भारत में प्रवेश का मामला था, जिसकी सजा 12 वर्ष से अधिक समय (करीब 17 वर्ष) वह जेल में बिता चुका था. कोर्ट ने बिना वीजा-पासपोर्ट के देश में घुसने के मामले में केंद्र सरकार को फैसला लेने के लिए कहा था. विदेश मंत्रालय से मसरूर को छोड़ने की सहमति मिलने के बाद उसे रिहा कर दिया गया. मोहम्मद मसरूर अगस्त 2019 से गोरखपुर मंडलीय कारागार के हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद था.
2019 में वाराणसी से गोरखपुर लाया गया था: मोहम्मद मसरूर उर्फ गुड्डू को अगस्त 2019 से गोरखपुर मंडलीय कारागार के हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था. उसे वाराणसी सेंट्रल जेल से यहां लाया गया था. पाकिस्तान के कराची के रहने वाले मसरूर उर्फ गुड्डू को बहराइच पुलिस ने वर्ष 2008 में जासूसी, देशद्रोह, जालसाजी और साजिश रचने के आरोप में पकड़ा था. उसे कोर्ट से वर्ष 2013 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी. तब वह फैजाबाद जेल में बंद था. वर्ष 2015 में उसे वाराणसी सेंट्रल जेल भेजा गया था.
पाकिस्तान के निवासी कैदी मोहम्मद मसरूर को बुधवार की सुबह गोरखपुर जेल से रिहा कर दिया गया. वह बहराइच जिले का कैदी था, लिहाजा वहां की टीम उसे अपने साथ लेकर गई है. कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उसके देश सौंपने की प्रक्रिया पूरी होगी. – दिलीप पांडेय, वरिष्ठ जेल अधीक्षक