One of the oldest library of Uttar Pradesh: गोरखपुर नगर निगम का पुराना भवन अपने साथ कई इतिहास समेटे हुए है. देसी रियासतों की इस धरोहर ने विदेसी शासकों के ठाट-बाट भी देखें हैं. इस इमारत के एक कोने में आज भी जीवित है ‘होम्स क्लेन लाइब्रेरी’. साल 1925 में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान स्थापित की गई इस लाइब्रेरी में 15 हजार से अधिक पुस्तकें हैं. इनमें सैकड़ों पुस्तकें ऐसी हैं जो अब प्रिंट से बाहर हैं. अकादमिक दुनिया में इस लाइब्रेरी की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है.
बीसवीं सदी के दूसरे दशक में, गोरखपुर में भी गोरे कलक्टर और दूसरे साहबान के दफ्तर हुआ करते थे. नगर निगम परिसर में स्थित पुरानी इमारत के आसपास के इलाके में गोरे अधिकारियों के आवास, कार्यालय स्थित थे. नगर निगम परिसर की पुरानी इमारत भी गोरे साहबों के दफ्तर में तब्दील हो चुकी थी. तब शहर में ‘अमन-ओ-अमन’ सभा होती थी, जिसकी कार्यकारिणी नागरिक हितों पर गोरे साहबों को अपने सुझाव देती थी. इसी कार्यकारिणी की पहल पर शहर के बुद्धिजीवियों के लिए लाइब्रेरी बनाने की पहल की गई थी. उस लाइब्रेरी का नाम रखा गया – होम्स क्लेन अमन ओ अमन पुस्तकालय. इस पुस्तकालय में आज भी सैकड़ों पुस्तकें ऐसी हैं जो अब प्रिंट से बाहर हैं. आजादी के बाद इस पुस्तकालय का नाम राहुल सांकृत्यायन के नाम पर किया गया, लेकिन ‘होम्स क्लेन’ लाइब्रेरी अपनी ब्रिटिश धरोहरों के साथ धीरे-धीरे उम्रदराज होती गई.
1925 में स्थापित होम्स क्लेन लाइब्रेरी अगले वर्ष अपनी स्थापना के 100 साल पूरे करने जा रही है. प्रदेश की सबसे उम्रदराज लाइब्रेरी में से एक होम्स क्लेन लाइब्रेरी अपनी जन्मशती पर फिर से ‘युवा’ होने के लिए तैयार है. योगी सरकार ने इस धरोहर की सुध ली है. स्थानीय प्रशासन करीब 2 करोड़ रुपये की लागत से इस लाइब्रेरी को ई लाइब्रेरी में बदल रहा है. स्मार्ट स्टेट स्मार्ट सिटी योजना के तहत इस लाइब्रेरी की धरोहर वाली पहचान को कायम रखते हुए आधुनिक बनाया जा रहा है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में इस लाइब्रेरी के पुनर्निर्माण के संबंध में रिपोर्ट्स आई हैं कि 2410 वर्ग फीट एरिया वाली इस लाइब्रेरी में 2 ग्रुप स्टडी एरिया, 10 हजार किताबों की क्षमता वाले बुक शेल्फ, कैफेटेरिया, आडियो विजुअल सिस्टम लगे होंगे. यहां चार कंप्यूटर भी होंगे. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले हों या साहित्य प्रेमी, यह लाइब्रेरी अगले साल से दोगुने उत्साह के साथ लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार मिलेगी. यहां निर्माण कार्य इस वर्ष दिसंबर तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है.
बाजारों में भीड़, लेकिन क्रय शक्ति क्षीण
हर दिन दस लाख पीस नारियल पानी गटक जाते हैं गोरखपुरी
डीडीयू: सभी पाठ्यक्रमों में फीस न जमा कर सके छात्रों को प्रवेश का एक और मौका
भ्रमित लोग ही कोविड-19 के टीके से चूके, अब जल्दी करेंः वीरेंद्र
निकाय चुनाव: नए वार्डों में वोटर बनाने का नगर निगम का अभियान पांच से
कुर्सी वही ठीक जिस पर अपनी मर्जी से बैठा जा सके
घर के करीब आपकी सेहत जांचने की मशीन लगाएगा नगर निगम
जीडीए की आवासीय योजना ‘रोहिणी एन्क्लेव’ के लिए बुकिंग शुरू
वह कौन सी पुस्तक है जिसकी 1 लाख 62 हजार प्रतियां छाप चुका है गीता प्रेस, पुस्तक अब नेपाली में भी
इस फेस्टिव सीज़न ‘तनिष्क‘ नया क्या लेकर आया है, यहां जानें
अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाने वाली मछली कुशीनगर की हरहा नदी में मिली
वीडियो वायरल हुआ तो खुली शिक्षिका की पोल, छात्र से ऐसा क्या कराया कि निलंबित हो गई
सहजनवा और कैंपियरगंज में केंद्र के खर्च पर बनेगा दो सौ बेड का अस्पताल
प्राइमरी के तीन मास्टर ऐश-ओ-आराम के लिए ये क्या करने लगे?
शिक्षा माफिया राकेश ने एक दशक में कमाई अकूत दौलत