गोरखपुर, महराजगंज और सिद्धार्थनगर को जोड़ने वाली नकहा जंगल-बढ़नी-गोंडा रेल लाइन पर डबल लाइन बिछाने के लिए लिडार सर्वे पूरा हो गया है। जानें इस प्रोजेक्ट से बिहार से लखनऊ-दिल्ली जाने वाली ट्रेनों को कैसे मिलेगा वैकल्पिक रूट और क्या हैं भविष्य की योजनाएं।
गोरखपुर: बिहार से लखनऊ और दिल्ली जाने वाली ट्रेनों के लिए एक नया और वैकल्पिक मार्ग जल्द ही उपलब्ध होगा। नकहा जंगल-बढ़नी-गोंडा (215 किमी) रेल ट्रैक पर डबल लाइन बिछाने का रास्ता साफ हो गया है। हाल ही में इस प्रोजेक्ट के लिए लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सर्वे का काम पूरा हो गया है और अब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। एक बार डीपीआर को रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिल जाने के बाद, उम्मीद है कि अगले साल से दोहरीकरण का काम शुरू हो जाएगा।
रेलवे बोर्ड ने दी थी मंजूरी
इस महत्वपूर्ण रेल लाइन के दोहरीकरण को वित्तीय वर्ष 2025-26 के रेल बजट में मंजूरी मिली थी। इसके बाद, रेलवे बोर्ड ने लिडार सर्वे के लिए 4.13 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की थी। मई में शुरू हुआ यह सर्वे, जिसमें ट्रैक की थ्री-डी मैपिंग और विश्लेषण किया गया, अब पूरा हो चुका है। सर्वे करने वाली एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट रेलवे प्रशासन को सौंप दी है, जिसके आधार पर अब डीपीआर तैयार की जा रही है।
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कई जिलों को मिलेगा फायदा
नकहा जंगल-बढ़नी-गोंडा रेल लाइन तीन महत्वपूर्ण जिलों – गोरखपुर, महराजगंज और सिद्धार्थनगर को गोंडा से जोड़ती है। वर्तमान में, इस सिंगल लाइन ट्रैक पर गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस, आनंद विहार टर्मिनल हमसफर एक्सप्रेस, गोरखपुर पनवेल एक्सप्रेस, गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस और गोमतीनगर इंटरसिटी सहित कुल 12 ट्रेनें चलती हैं। इसके अलावा, मालगाड़ियां भी इसी रूट से गुजरती हैं। सिंगल लाइन होने के कारण ट्रेनों की संख्या बढ़ाने में काफी दिक्कत हो रही है, लेकिन डबल लाइन बिछने के बाद यह समस्या दूर हो जाएगी।
भविष्य की योजनाएं
डबल लाइन का काम पूरा होने के बाद, रेलवे गोरखपुर से चलने वाली कुछ ट्रेनों को बढ़नी तक विस्तारित करने की तैयारी कर रहा है। इससे यात्रियों को और भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) पंकज कुमार सिंह के अनुसार, “गोंडा से नकहा जंगल वाया आनंदनगर-बढ़नी के डबल लाइन के लिए लिडार सर्वे का काम पूरा हो गया है। डीपीआर तैयार होने के बाद इसे स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड भेजा जाएगा।”
प्रोजेक्ट पर एक नजर
- 215 किमी: रेल लाइन की कुल लंबाई
- 4.13 करोड़ रुपये: लिडार सर्वे के लिए स्वीकृत राशि
- 3 जिले: गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर को जोड़ेगी लाइन
- 12 ट्रेनें: वर्तमान में इस रूट पर चल रहीं यात्री ट्रेनें
- 2025-26: जिस वित्तीय वर्ष में प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी