गोरखपुर: मैरिज रजिस्ट्रेशन में होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम कसने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विवाह पंजीकरण के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के बाद, बीते 7 जून से लागू हुए नए नियमों के तहत अब विवाह के पंजीकरण के लिए पुरोहित या परिवार के एक सदस्य की गवाही अनिवार्य होगी।
हाईकोर्ट के निर्देश पर हुआ बदलाव
यह बदलाव ‘शनिदेव बनाम स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश’ मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश के बाद किया गया है। उच्च न्यायालय से निर्देश जारी होने के बाद, आईजी निबंध ने सहायक महानिरीक्षक निबंधन संजय कुमार दुबे को इस संबंध में निर्देशित किया था।
दो तरह के नए नियम लागू
सहायक महानिरीक्षक निबंधन श्री दुबे ने बताया कि सरकार ने मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए दो तरह के नियम बनाए हैं:
- परिवार की मर्जी के बिना विवाह के लिए: यदि विवाह का रजिस्ट्रेशन परिवार की मर्जी के बिना कराया जा रहा है, तो उसके लिए विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहित की गवाही अनिवार्य होगी।
- परिवार की मर्जी से विवाह के लिए: यदि विवाह का रजिस्ट्रेशन परिवार की सहमति से कराया जा रहा है, तो परिवार के एक सदस्य की गवाही आवश्यक होगी।
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जन्म प्रमाण के लिए ये दस्तावेज होंगे मान्य
नए नियमों के अनुसार, विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए नोटरी एफिडेविट के साथ-साथ जन्म प्रमाण के लिए कुछ विशिष्ट दस्तावेजों को ही मान्य किया जाएगा। इनमें हाई स्कूल मार्कशीट, सीएमओ द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र, या नगर निगम/नगर पंचायत द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र शामिल हैं।
श्री दुबे ने कहा कि नियमों में किए गए इन बदलावों से मैरिज रजिस्ट्रेशन में हो रहे फर्जीवाड़े पर प्रभावी रूप से लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
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