Last Updated on September 27, 2025 11:36 AM by गो गोरखपुर ब्यूरो
गोरखपुर: गोल्ड लोन धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला गोरखपुर की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड में सामने आया है। कंपनी के एरिया हेड ने रेती रोड और राप्तीनगर शाखाओं में कार्यरत शाखा प्रबंधक, सहायक शाखा प्रबंधक समेत कुल छह कर्मचारियों पर लगभग 13.98 लाख रुपये के गबन और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। कंपनी का कहना है कि इन अधिकारियों ने गिरवी रखे गए असली सोने के आभूषणों को सुनियोजित तरीके से नकली वस्तुओं से बदल दिया, जिससे कंपनी को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ है। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोतवाली थाने में केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
6 कर्मचारियों पर लगा गबन का आरोप
पुलिस ने इस मामले में बस्ती हेड ऑफिस में कार्यरत अभिषेक त्रिपाठी, निचलौल महराजगंज में कार्यरत शैलेश कुमार, गोरखपुर में कार्यरत दिवाकर सिंह, बक्शीपुर शाखा में कार्यरत अमन तिवारी, बस्ती में कार्यरत मालती और गोरखपुर में कार्यरत आशीष त्रिपाठी को आरोपी बनाया है। इन सभी पर गबन, विश्वासघात (Criminal Breach of Trust) और जालसाजी (Forgery) जैसी गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। कंपनी की शिकायत पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के आदेश के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है।
ऑडिट में 432.8 ग्राम नकली आभूषणों का खुलासा
केरल निवासी और कंपनी के एरिया हेड राजू सिंह ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि इस गोल्ड लोन धोखाधड़ी का खुलासा 8 फरवरी 2022 को राप्तीनगर शाखा में हुए अचानक ऑडिट के दौरान हुआ। ऑडिटर ने पाया कि कुल 432.8 ग्राम यानी 48 आइटम स्वर्णाभूषणों की जगह शून्य शुद्धता वाले नकली आभूषण तिजोरी में रखे गए थे। कंपनी ने यह साफ तौर पर आरोप लगाया है कि यह घोटाला शाखा प्रबंधक और सहायक प्रबंधक की मिलीभगत से हुआ है, क्योंकि सोने की सुरक्षा और शाखा सेफ की चाबियां मुख्य रूप से इन्हीं दोनों के पास रहती हैं।
रेती रोड और राप्तीनगर शाखाओं के बीच ऐसे हुई हेराफेरी
जांच में सामने आया कि रेती रोड शाखा से 879 ग्राम सोना 29 नवंबर 2021 को सिस्टम में राप्तीनगर शाखा के नाम पर ट्रांसफर दिखाया गया था, जबकि इसका वास्तविक हस्तांतरण 14 दिसंबर 2021 को हुआ। इस प्रक्रिया में एक बड़ी अनियमितता सामने आई कि शाखा प्रबंधक या सहायक प्रबंधक की जगह कनिष्ठ सहायक आशीष त्रिपाठी ने सोना ले जाकर राप्तीनगर शाखा में जमा कराया। राप्तीनगर शाखा प्रबंधक अभिषेक त्रिपाठी ने नियमानुसार सत्यापन किए बिना ही उसे स्वीकार कर लिया। इस दौरान शाखा के संरक्षक दिवाकर सिंह, मालती शुक्ला और अमन तिवारी भी अपनी जिम्मेदारी पर थे। कंपनी का आरोप है कि सभी आरोपियों ने मिलकर एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत असली स्वर्णाभूषणों को नकली वस्तुओं से बदल दिया और व्यक्तिगत लाभ प्राप्त किया।
वित्तीय हानि और प्रतिष्ठा पर आंच
मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड ने शिकायत में कहा है कि इस गोल्ड लोन धोखाधड़ी और गबन से कंपनी को न केवल वित्तीय हानि हुई है, बल्कि उसकी प्रतिष्ठा (Reputation) पर भी गंभीर आंच आई है। कंपनी ने पहले थाना कोतवाली और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत दी थी। आरोप है कि स्थानीय स्तर पर अभियुक्तों ने पुलिस को प्रभावित कर प्राथमिकी दर्ज नहीं होने दी। हालांकि, अब एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।