दुबे जी मित्र समागम में देर से पहुंचे. देर का कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि वे मंदिर गए थे. खास दिनों में वे मंदिर जाना नहीं भूलते, और आज बजरंगबली का दिन था, इसलिए उनकी उपासना करने गए थे. वहां उन्होंने एक महिला को भी बजरंगबली की पूजा करते देखा, लेकिन उसके हाथ में नारियल और तांबूल देखकर वे असमंजस में पड़ गए.
बाबू साहब ने उनकी इस उलझन का कारण पूछा. दुबे जी ने सनातन धर्म की मान्यताओं का हवाला देते हुए बताया कि बजरंगबली बाल ब्रह्मचारी हैं, और ब्रह्मचारी की पूजा स्त्री द्वारा नहीं की जानी चाहिए. इसके अलावा, पूजन सामग्री में तांबूल और नारियल का होना भी उन्हें विरोधाभासी लगा, क्योंकि नारियल को नरमुंड का प्रतीक माना जाता है.
ठाकुर साहब ने उन्हें समझाते हुए कहा, “दुबे जी, पूजा और मान्यताओं में अब बहुत बदलाव आ गया है. किसी परंपरा या पद्धति के प्रति इतना आग्रही होना अब कहाँ संभव है? हमारे ज़माने में तो नहीं ही.”
प्रोफेसर साहब, जो चुपचाप उनकी बातें सुन रहे थे, ने अपनी राय रखी. उन्होंने हजारी प्रसाद द्विवेदी के उपन्यास ‘पुनर्नवा’ का उल्लेख करते हुए कहा, “देवता न छोटा होता है, न बड़ा, वह होता भी है और नहीं भी होता है. श्रद्धालु अपनी आकांक्षा, श्रद्धा और मनःस्थिति के अनुसार उसे गढ़ लेता है.” उन्होंने आगे बताया कि ‘पुनर्नवा’ चौथी सदी के आसपास के भारत की सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर आधारित एक ऐतिहासिक उपन्यास है, जिसमें उठाए गए प्रश्न आज भी प्रासंगिक हैं. द्विवेदी जी ने इन प्रश्नों के समाधान में एक वैज्ञानिक और प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाया है.
अंत में, प्रोफेसर साहब ने यह भी कहा कि भक्ति और प्रेम में निष्काम भाव सर्वोत्तम होता है. जब ईष्ट से कुछ भी पाने की इच्छा नहीं होती, तब भक्ति अपने चरम पर होती है. इसीलिए भक्ति में प्रेम को पहली सीढ़ी माना गया है.
इस धर्म-तत्व-व्याख्या से सभी गदगद.
-
रिकॉर्ड: नए साल पर एक ही दिन चिड़ियाघर पहुंचे 22 हजार सैलानी
-
नया साल का जश्न:युवक जान की भीख मांगता रहा,हत्यारे पीटते रहे,उसने दम तोड़ दिया
-
नया साल हुआ जिंदगी का आखिरी साल, चार युवकों की हादसे में मौत
-
शहर के सबसे साफ़-स्वच्छ अस्पताल, कार्यालय, स्कूल, आरडब्ल्यूए को नगर निगम ने किया सम्मानित
-
साल के आखिरी दिन शहर की आबोहवा की सेहत ‘बेहद खराब’
-
दो दिन के लिए बदली शहर की यातायात व्यवस्था, यह देखकर ही घर से निकलें
-
कर्मचारियों के लिए ब्रिटिश शासन से भी क्रूर है सरकार: रूपेश
-
पुरोहित की शिकागो में हार्ट अटैक से मौत, सांसद की कोशिश से घर पहुंचा शव, हुआ अंतिम संस्कार
-
गोरखपुर में कोरोना के तीन नए संक्रमित मिले, एम्स में हुई जांच में पुष्टि
-
साल के पहले दिन भगवान सूर्य को करें प्रसन्न, आरोग्य, मान-सम्मान में होगी वृद्धि
-
किस्मत के सितारे-2023
-
पुर्दिलपुर में किशोरी की मौत का जिम्मेदार ‘वायरल वीडियो’!
-
गोरखपुर में 148 किलोग्राम के घड़ियाल की मौत, राज़ जानने के लिए हुआ पोस्टमार्टम
-
कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं, हो रहा इंतजार
-
साल के अंत में महानगर में कोरोना की दस्तक, दो सगे भाइयों में संक्रमण की पुष्टि