गोरखपुर: सहजनवां थाना क्षेत्र के बाहिलपार गांव में एक झोलाछाप डॉक्टर की कथित लापरवाही के चलते छह वर्षीय मासूम की मौत हो गई। बच्चा बदायूं का रहने वाला था और अपनी ननिहाल में आया था। सिर में गिल्टी के इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाते ही मासूम अचेत हो गया। घटना से आक्रोशित परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों ने सोमवार दोपहर को झोलाछाप की दुकान के सामने जाम लगाकर जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।
झोलाछाप ने ऑपरेशन के लिए बुलाया और लगाया इंजेक्शन
जानकारी के अनुसार, बदायूं जनपद के ओजयानी थाना क्षेत्र के नेहोला गांव निवासी रिंकू अपनी पत्नी और 6 साल के बेटे पारस के साथ बाहिलपार स्थित अपनी ससुराल आए थे। मासूम पारस के सिर में जन्म से ही गिल्टी थी। गांव के एक रिश्तेदार की सलाह पर उन्होंने बाहिलपार चौराहे पर बैठे एक झोलाछाप डॉक्टर से संपर्क किया। झोलाछाप ने इलाज का भरोसा दिया। सोमवार को उसने बच्चे को सिर की गिल्टी का ‘ऑपरेशन’ करने के लिए बुलाया। जैसे ही डॉक्टर ने सिर में इंजेक्शन लगाया, मासूम पारस अचेत हो गया।
अस्पताल ले जाते वक्त हुई मासूम की मौत
मासूम पारस के अचेत होते ही परिजन घबरा गए और आनन-फानन में उसे ठर्रापार सीएचसी लेकर भागे। वहां से निजी अस्पताल और अंत में बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। मासूम की मौत की खबर जैसे ही गांव में फैली, परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए और झोलाछाप डॉक्टर की दुकान पर पहुंचकर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। इसी बीच मौका पाकर झोलाछाप डॉक्टर वहां से फरार हो गया।
परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से किया इनकार
घटना की सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार रामसूरत, एसआई राजेश सिंह और चौकी प्रभारी दिनेश पांडेय भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने आक्रोशित लोगों को शांत कराया और परिजनों से बच्चे का पोस्टमार्टम कराने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। थाना प्रभारी महेश चौबे ने बताया कि परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी और न ही पोस्टमार्टम कराने की अनुमति दी। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया है और फरार झोलाछाप डॉक्टर की तलाश में जुट गई है।


