Indian Penal Code and Bharatiya Nyaya Sanhita : आप पुलिस कर्मचारी या अधिवक्ता भले न हों लेकिन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420, 302, 307 और 376 जैसी धाराओं का मतलब ज़रूर जानते होंगे. धोखाधड़ी, हत्या, हत्या का प्रयास, दुष्कर्म की धाराएं दो दिन बाद बदल जाएंगी. अभी तक एफआईआर पर पहले भारतीय दंड संहिता 1860 लिखा हुआ मिलता था, लेकिन दो दिन बाद अब यह भारतीय न्याय संहिता 2023 लिखा मिलेगा. यह व्यवस्था 30 जून को रात 12 बजे के बाद यानी एक जुलाई से लागू हो जाएगी.

अधिवक्ता रजनीश श्रीवास्तव बताते हैं कि एक जुलाई से इंडियन पेनल कोड (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस), क्रिमनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की जगह भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता 2023 (बीएनएसएस) और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो जाएगा. अब 90 दिन में पीड़ित को उसके मुकदमें से संबंधित जानकारी पुलिस को देनी होगी.

अभी तक हत्या के मामले में धारा 302 के तहत रिपोर्ट दर्ज की जाती थी, लेकिन एक जुलाई से हत्या के मामले में धारा 103 के तहत रिपोर्ट दर्ज की जाएगी. दुष्कर्म के लिए धारा 376 की जगह मामला अब धारा 63 में दर्ज होगा. छेड़खानी की धारा 354 की बजाय अब मानहानि की धारा होगी. पहले मानहानि की धारा 499 हुआ करती थीं. डकैती की धारा 395 की जगह 310 (2) होगी. हत्या के प्रयास में अभी तक धारा 307 लगती थी, लेकिन अब 109 के तहत रिपोर्ट दर्ज होगी धोखाधड़ी के मामले धारा 420 की जगह 318 में लिखी जाएगी. अपराध की सभी धाराओं में परिवर्तन किया गया है.

By गो गोरखपुर

गोरखपुर और आसपास की खबरों (gorakhpur news) के लिए पढ़ते रहें गो गोरखपुर न्यूज़ पोर्टल. सूचनाओं की भीड़ में आपके काम लायक हर जरूरी जानकारी पर रखें नज़र...गो गोरखपुर (www.gogorakhpur.com) के साथ.