गोरखपुर चिड़ियाघर 3 जून तक बंद, संक्रमित वन्यजीवों का उपचार जारी

गोरखपुर: शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (गोरखपुर चिड़ियाघर) को बर्ड फ्लू संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण 3 जून तक के लिए बंद कर दिया गया है। दर्शकों को अब चिड़ियाघर घूमने के लिए और इंतजार करना होगा, क्योंकि तभी इसे खोला जाएगा जब संक्रमित और अन्य वन्यजीवों के सैंपल की लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आएंगी।
बाघिन, तेंदुए के शावक समेत पांच वन्यजीव संक्रमित
चिड़ियाघर में बाघिन शक्ति की मौत में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है। इसके बाद से 13 मई से ही चिड़ियाघर दर्शकों के लिए बंद है, और संक्रमण की नई रिपोर्ट आने के बाद से यह बंदी लगातार बढ़ाई जा रही है।
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प्राणि उद्यान ने दूसरे वन्यजीवों के सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च पशु रोग संस्थान भेजे थे। 23 मई को आई रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि बाघिन मैलानी, तेंदुए के दो शावक, हिमालयन गिद्ध और एक कॉकाटील में भी बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन सभी संक्रमित वन्यजीवों को आइसोलेट करके उनका इलाज किया जा रहा है। अन्य जानवरों को संक्रमण से बचाने के लिए बाड़ों को लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है और पक्षियों से संक्रमण न फैले, इसके लिए क्रॉल के ऊपर पर्दा भी लगाया गया है। चिड़ियाघर निदेशक विकास यादव ने मीडिया को बताया कि प्राणि उद्यान 28 मई से 3 जून तक दर्शकों के लिए बंद रहेगा।
डेढ़ महीने में पांच वन्यजीवों की मौत
चिड़ियाघर में पिछले डेढ़ महीने के अंदर पांच जानवरों की मौत हो चुकी है, जिससे प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है। सबसे पहले 30 मार्च को पीलीभीत से रेस्क्यू कर लाए गए बाघ केसरी की मौत हुई थी। इसके बाद 5 मई को मादा भेड़िया भैरवी, 7 मई को बाघिन शक्ति और 8 मई को तेंदुआ मोना ने दम तोड़ा। 23 मई को एक कॉकाटील की भी मौत हो गई थी। हालांकि, अब भी संक्रमित वन्यजीवों का उपचार चल रहा है और उनकी स्थिति ठीक बताई जा रही है।
सोमवार को संक्रमित वन्यजीवों के साथ-साथ दूसरे जानवरों के सैंपल भी जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं। चिड़ियाघर को तभी खोला जाएगा जब सप्ताह में दो रिपोर्ट निगेटिव आएंगी।
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