गोरखपुर: जिले में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) के दौरान 3,22,468 मतदाताओं की मैपिंग वर्ष 2003 की सूची से नहीं हो सकी है। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, अब इन सभी मतदाताओं को भारत निर्वाचन आयोग की ओर से नोटिस भेजा जाएगा, जिसमें उन्हें अपनी भारतीय नागरिकता के वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
2003 की मतदाता सूची से मिलान न होने पर घर पहुंचेगा नोटिस
अपर जिलाधिकारी (वित्त) विनीत कुमार सिंह ने बताया कि जिले के करीब 8.79 प्रतिशत मतदाताओं का डेटा पुराने रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहा है। इन संदिग्ध मतदाताओं के पते पर बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के माध्यम से नोटिस भेजा जाएगा। वर्तमान सूची में नाम होने के बावजूद, रिकॉर्ड मिलान न होने के कारण इन्हें नागरिकता का सत्यापन कराना अनिवार्य होगा।
6.47 लाख नाम हटे, 17 प्रतिशत से अधिक एएसडी श्रेणी में
प्रशासन द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत कुल 6,47,519 मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने स्पष्ट किया कि हटाए गए नामों में से लगभग 17.53 प्रतिशत मतदाता ‘एएसडी’ श्रेणी (मृतक, विस्थापित या अनुपस्थित) के पाए गए थे, जिससे मतदाता सूची को शुद्ध करने में मदद मिली है।
बिना पूर्वजों के रिकॉर्ड वाले नए मतदाताओं को देना होगा नागरिकता प्रमाण
जांच प्रक्रिया के तहत उन नए मतदाताओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिन्होंने फॉर्म-6 भरते समय 2003 की सूची में अपने माता-पिता या दादा-दादी के होने की जानकारी नहीं दी है। हालांकि, प्रशासन ने राजनीतिक दलों को आश्वस्त किया है कि किसी भी वास्तविक मतदाता का नाम बिना उचित विधिक प्रक्रिया और नोटिस दिए सूची से नहीं काटा जाएगा।


