गोरखपुर: गांधी जयंती के पावन अवसर पर आयोजित सेवा पखवाड़ा चित्रकला प्रतियोगिता में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU) के शोधार्थी तथा राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) स्वयंसेवक अभिषेक श्रीवास्तव ने प्रथम स्थान प्राप्त कर विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया है। उन्हें उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ₹51,000 की पुरस्कार राशि और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया। अभिषेक ने ‘विकसित भारत की संकल्पना’ विषय पर अपनी कलाकृति के माध्यम से यह उपलब्धि हासिल की है। उनकी इस सफलता पर विश्वविद्यालय की कुलपति समेत समस्त स्टाफ ने हार्दिक बधाई दी है।
सेवा पखवाड़ा चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन दो चरणों में
इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता का आयोजन दो चरणों में किया गया था। प्रथम चरण विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित हुआ। इस चरण में विभिन्न संस्थाओं से लगभग हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 200 प्रतिभागियों ने विश्वविद्यालय में आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभागिता की। चयन समिति द्वारा इन प्रतिभागियों में से पाँच श्रेष्ठ कलाकारों का चयन द्वितीय चरण के लिए किया गया। द्वितीय चरण का आयोजन सरस्वती विद्या मंदिर, आर्य नगर, गोरखपुर में हुआ, जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता को तीन वर्गों— कनिष्ठ, वरिष्ठ एवं सामान्य वर्ग — में विभाजित किया गया था।
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सामान्य वर्ग में ‘विकसित भारत की संकल्पना’ विषय पर उत्कृष्ट कलाकृति
अभिषेक श्रीवास्तव ने द्वितीय चरण की प्रतियोगिता के सामान्य वर्ग में हिस्सा लिया। उन्होंने “विकसित भारत की संकल्पना” विषय पर अपनी उत्कृष्ट कलाकृति प्रस्तुत की, जिसके लिए उन्हें प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। ललित कला एवं संगीत विभाग के शोधार्थी अभिषेक, वर्तमान में सहायक आचार्य डॉ. गौरी शंकर चौहान के निर्देशन में अपना शोधकार्य कर रहे हैं। गौरतलब है कि अभिषेक पूर्व में भी अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कला प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का परचम लहराकर विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर चुके हैं।
राष्ट्रीय सेवा योजना एवं कुलपति की ओर से बधाई
गोरखपुर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. सत्यपाल सिंह ने अभिषेक की इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई दोनों के लिए गौरव का विषय बताया। उन्होंने जानकारी दी कि सेवा पखवाड़ा का प्रथम चरण विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग डेढ़ सौ से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था।
इस अवसर पर माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने अभिषेक श्रीवास्तव को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धि पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा, “अभिषेक जैसे प्रतिभाशाली युवा हमारी विश्वविद्यालय की पहचान हैं, जो अपनी सृजनात्मकता और समर्पण से समाज में सकारात्मक संदेश दे रहे हैं।” ललित कला एवं संगीत विभाग की अध्यक्ष प्रो. उषा सिंह ने भी अभिषेक को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि “अभिषेक की सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।”